47 min

Ep. 35 Conversations with Prayatn: A Youth Collective from India CCYSC Awaaz

    • Social Sciences

प्रयत्न एक आदिवासी युवा समूह है जिसने भारत में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के चाय बागान क्षेत्र में शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और अपने समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में 10 वर्षों से अधिक समय तक काम किया है। वे छात्रों को उच्च अध्ययन के लिए सलाह देते हैं और तैयार करते हैं एवं बुजुर्गों तक मदद पहुंचते हैं। इसके अलावा अन्य कार्यक्रमों जैसे कि, यौन शोषण के शिकार लोगों का समर्थन करते हैं और यहां तक कि स्थानीय सफाई अभियान भी चलाते हैं। यह एक इंटरव्यू (साक्षात्कार) है जो ज्योति के द्वारा प्रयातन के तीन सदस्यों के साथ आयोजित किया गया है; फुलमोनी, निकिता और सुजीत जहाँ वे अपने समूह के गठन एवं उनके द्वारा संचालित कार्यक्रमों, उनके समुदाय के सामाजिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के साथ-साथ COVID-19 महामारी के दौरान उनके समुदाय और क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा करते हैं।

साक्षात्कारकर्ता:

ज्योति अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली के स्कूल ऑफ एजुकेशन स्टडीज में मास्टर ऑफ एजुकेशन की छात्रा हैं। उनकी राजनीति विज्ञान की पृष्ठभूमि है और शिक्षण के साथ-साथ गायन और नृत्य में भी उनकी रुचि है।

प्रयत्न सदस्य:

फुलमोनी मुंडा जलपाईगुड़ी के इंडोंग चाय बागानों से आती हैं और वर्तमान में आईआईटी गांधीनगर में  Society and Culture (समाज और संस्कृति) में स्नातकोत्तर कर रही हैं।

निकिता चिकबरैक जलपाईगुड़ी के आईभील चाय बागान से हैं और वर्तमान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से शिक्षा में स्नातकोत्तर कर रही हैं।

सुजीत बारला वर्तमान में अम्बेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली से शिक्षा में स्नातकोत्तर कर रहे हैं और जलपाईगुड़ी के बटाबारी चाय बागान से हैं।

प्रयत्न से जुडें: prayatn.official@gmail.com

संपादक: वेदा गोपाल (छात्र, स्कूल ऑफ एजुकेशन स्टडीज, अम्बेडकर विश्वव

प्रयत्न एक आदिवासी युवा समूह है जिसने भारत में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के चाय बागान क्षेत्र में शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और अपने समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में 10 वर्षों से अधिक समय तक काम किया है। वे छात्रों को उच्च अध्ययन के लिए सलाह देते हैं और तैयार करते हैं एवं बुजुर्गों तक मदद पहुंचते हैं। इसके अलावा अन्य कार्यक्रमों जैसे कि, यौन शोषण के शिकार लोगों का समर्थन करते हैं और यहां तक कि स्थानीय सफाई अभियान भी चलाते हैं। यह एक इंटरव्यू (साक्षात्कार) है जो ज्योति के द्वारा प्रयातन के तीन सदस्यों के साथ आयोजित किया गया है; फुलमोनी, निकिता और सुजीत जहाँ वे अपने समूह के गठन एवं उनके द्वारा संचालित कार्यक्रमों, उनके समुदाय के सामाजिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के साथ-साथ COVID-19 महामारी के दौरान उनके समुदाय और क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा करते हैं।

साक्षात्कारकर्ता:

ज्योति अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली के स्कूल ऑफ एजुकेशन स्टडीज में मास्टर ऑफ एजुकेशन की छात्रा हैं। उनकी राजनीति विज्ञान की पृष्ठभूमि है और शिक्षण के साथ-साथ गायन और नृत्य में भी उनकी रुचि है।

प्रयत्न सदस्य:

फुलमोनी मुंडा जलपाईगुड़ी के इंडोंग चाय बागानों से आती हैं और वर्तमान में आईआईटी गांधीनगर में  Society and Culture (समाज और संस्कृति) में स्नातकोत्तर कर रही हैं।

निकिता चिकबरैक जलपाईगुड़ी के आईभील चाय बागान से हैं और वर्तमान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से शिक्षा में स्नातकोत्तर कर रही हैं।

सुजीत बारला वर्तमान में अम्बेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली से शिक्षा में स्नातकोत्तर कर रहे हैं और जलपाईगुड़ी के बटाबारी चाय बागान से हैं।

प्रयत्न से जुडें: prayatn.official@gmail.com

संपादक: वेदा गोपाल (छात्र, स्कूल ऑफ एजुकेशन स्टडीज, अम्बेडकर विश्वव

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