
Raanjhanaa | रांझणा- एक प्रेम कहानी | Author- संजना किरोड़ीवाल
अबे कोई तो रोक लो इस रांझे को। कोई तो आवाज़ दे दो। पर मेरी लाइफ में कोई नहीं था जो इस रांझे को रोक लेता। वो कहते हैं न, साला वो इश्क़ ही क्या, जिसमे कुर्बानी न हो। इसी तरह उसे चाहना तो मेरे बस में नहीं था, पर उसके लिए मरना मेरे बस में जरूर था। हर इश्क़ की एक अपनी कहानी होती थी, इस इश्क़ भी अपनी एक कहानी थी। कुछ कहानी आपकी भी होगी, कुछ कहानी हमारी भी थी। उसके इश्क़ में रांझा सा बना मैं, गंगा घाट की सीढियाँ तलाशता रहा और एक वो थी जो हमारी लाइफ से ही चली गयी। रांझणा बनारस की प्रेम गलियों में भटकती उस रांझे की अधूरी दास्ताँ हैं।लेखक - संजना किरोड़ीवालशैली - रोमांटिकभाषा - हिंदी
Informations
- Émission
- Publiée7 juin 2020 à 08:15 UTC
- Durée8 s
- Saison1
- Épisode13
- ClassificationTous publics