S2E22 | आए हो तो ये हिजाब क्या है - Mushafi Ghulam Hamdani Khayal
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- Performing Arts
आज का ख्याल शायर ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'आए हो तो ये हिजाब क्या है'। ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी उर्दू के बड़े शायर हुए। इनके समकालीन और प्रतिद्वंदी इंशा और जुरअत थे। ... यहाँ मीर, दर्द, सौदा और सोज़ जैसे शायर वृद्ध हो चले थे। इनका असर इनकी शाइरी पर पड़ा।
आज का ख्याल शायर ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'आए हो तो ये हिजाब क्या है'। ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी उर्दू के बड़े शायर हुए। इनके समकालीन और प्रतिद्वंदी इंशा और जुरअत थे। ... यहाँ मीर, दर्द, सौदा और सोज़ जैसे शायर वृद्ध हो चले थे। इनका असर इनकी शाइरी पर पड़ा।
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