इतिहास पुराण की कथाएं Itihas Puran Ki Kathaye Bingepods
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नमस्कार श्रोताओं !
सूत्रधार आपके लिए लेकर आया है, इतिहास पुराण पोडक्स्ट। इस पॉडकास्ट के माध्यम से हम आप सभी को अनेकों पौराणिक कथाओं से जोड़ने वाले है। ये कथाएं महाभारत, शिव पुराण, रामायण जैसे अनेकों ग्रंथों से ली गयी हैं। हमारे इस पॉडकास्ट को आप सुन पाएंगे हर बुधवार वो भी अपने पसंदीदा ऑडियो प्लेटफार्म पर ! इसी के साथ आप सूत्रधार द्वारा बनाये गए और पोडकास्टस भी सुन सकते हैं। जैसे की नल-दमयंती प्रेम कथा, मिनी टेल्स पॉडकास्ट, श्री राम कथा और वेद व्यास की महाभारत।
मिलते हैं बुधवार में हमारे पहले एपिसोड के साथ।
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Diwali Special Episode
जिन भी रीतियों का अनुसरण करके हम दीवाली का त्यौहार मनाते हैं उसके पीछे क्या पौराणिक महत्व है, ये एपिसोड इसी विषय पर प्रकाश डालता है।
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Meghdoot Part-5 - Megh Ka Sandesh (मेघ का संदेश)
यक्ष का सन्देश लेकर मेघ अलकापुरी पहुँच जाता है। यक्ष का घर ढूँढते हुए जैसे ही मेघ झरोखे से झाँकता है तो यक्ष की पत्नी अपनी मैना से बात कर रही होती है।
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Meghdoot Part-4 - Path Pradarshan (पथ प्रदर्शन)
जहाँ एक ओर यक्ष की पत्नी, यक्ष की प्रतीक्षा में अपनी पलकें बिछाए बैठी हुई है, वहीं दूसरी ओर यक्ष, मेघ को प्रसन्न करने के प्रयास में लगा हुआ है। वह कैसे भी करके अपनी पत्नी को अपना सन्देश देना चाहता था, जिससे उसकी पत्नी की चिन्ता समाप्त हो सके और यक्ष का कुशलक्षेम पहुँच सके। मेघ की स्तुति करने के पश्चात यक्ष, मेघ को अपना दूत बना लेता है और सन्देश भेजने के लिए सबसे पहले मेघ को अलकापुरी तक जाने का और अपना घर ढूँढ़ने का मार्ग बताता है।
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Meghadoot Part-3 - Yaksh ki Patni (यक्ष की पत्नी)
एक ओर यक्ष अपनी पत्नी को सन्देश भेजने के लिए मेघ को मनाने में लगा हुआ था और दूसरी ओर उसकी पत्नी विरह में व्याकुल हो रही थी। सौभाग्य से उसकी सखियाँ उसके इस दुःख को बाँटने के लिए हमेशा उपलब्ध होती थीं अन्यथा एकान्त में यक्ष की पत्नी अपने प्राणों का त्याग कर सकती थी।
यक्ष की प्रतीक्षा में अब तक कई माह गुज़ारते हुए उसकी पत्नी की काया क्षीण होने लगी थी। उसके होंठों का रंग फीका पड़ गया था। उसने बाल सँवारना बन्द कर दिए थे। लगातार रोने के कारण उसकी आँखें सूज चुकी थीं और उसके चेहरे पर बाल बिखरे हुए रहते थे। यक्ष की पत्नी ने अपने आभूषण त्याग दिए थे और उसके चेहरे पर आँसुओं की धार के निशान बन गए थे।
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Meghadoot Part-2- Yaksh ki kala (यक्ष की कला)
यक्ष ने जैसे ही मन्दिर में प्रवेश किया, वहाँ ईश्वर की मूर्ति देखकर उसे एक युक्ति सूझी। यक्ष पहले से ही मूर्तिकला में निपुण था। उसने सोचा कि अगर वह अपनी पत्नी की मूर्ति बनाना शुरू कर दे तो उसका समय बहुत ही आसानी से व्यतीत हो जाएगा।
इस तरह यक्ष ने जंगल से थोड़ी-थोड़ी मिट्टी लाना शुरू कर दिया और प्रतिदिन वो मिट्टी को गीला करके उसके कंकड़ इत्यादि निकालने लगा। -
Meghdoot Part-1 (यक्ष को देश-निकाला)
Kuber's capital Alkapuri was considered to be the most beautiful of all the regions on earth. Beautiful and large gardens, happy subjects, huge palaces with pavilions decorated with many gems used to enhance the beauty of Alkapuri. A Yaksha lived in Alkapuri. Kubera hired him to fetch golden lotuses from Mansarovar everyday for worship. That Yaksha loved his wife very much. He was so engrossed in the love of his wife that he did not care about anything else. to know more tune into this episode.