

महाभारत की कथा - भाग ३ महाभारत की सम्पूर्ण कथा |The Mahabharata
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- Hinduism
यह महाभारत की कथा का तीसरा भाग है। इसमें आदिपर्व - पौष्य पर्व नामक तीसरे अध्याय का पाठ किया गया है। इस अध्याय का पाठ पिछले भाग में आरंभ किया गया था। इस भाग में इस का समापन किया गया है। इस भाग में आचार्य वेद के शिष्य उत्तंक की गुरुभक्ति की कथा है। और इसी भाग में उत्तंक का नागराज तक्षक से बैर रख बदला लेने के भाव से सर्पों के नाश के लिए राजा जनमेजय को सर्पयज्ञ के लिए को प्रोत्साहन देने का प्रसंग भी सुनाया गया है।
यह महाभारत की कथा का तीसरा भाग है। इसमें आदिपर्व - पौष्य पर्व नामक तीसरे अध्याय का पाठ किया गया है। इस अध्याय का पाठ पिछले भाग में आरंभ किया गया था। इस भाग में इस का समापन किया गया है। इस भाग में आचार्य वेद के शिष्य उत्तंक की गुरुभक्ति की कथा है। और इसी भाग में उत्तंक का नागराज तक्षक से बैर रख बदला लेने के भाव से सर्पों के नाश के लिए राजा जनमेजय को सर्पयज्ञ के लिए को प्रोत्साहन देने का प्रसंग भी सुनाया गया है।