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Sanjay Kumar© Sanjay Kumar
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- Kunst
नमस्कार दोस्तों,
anchor.fm पर मैं संजय कुमार आप सब लोगों का अपने podcast पर हार्दिक स्वागत अभिनंदन करता हूं। आप यहां पर इस कार्यक्रम के दौरान मेरे द्वारा लिखित व पढ़ी गई कुछ रचनाओं को शायरी व कविता के रूप में सुन पाएंगे।आशा करता हूं कि आपके बहुमूल्य समय को ध्यान में रखते हुए आपकी रूचि के अनुरूप ही मैं आपका मनोरंजन करवाने में सफल हो पाऊंगा। मेरी मौलिक रचनाओं के प्रति आपकी प्रतिक्रियाओं का मुझे सदैव इंतजार रहेगा।आप मुझे अपनी प्रतिक्रियाएं लिखित या बोलकर मैसेज बॉक्स में भेज सकते हैं।मेरी शाब्दिक वह उच्चारण संबंधी त्रुटियों को आप अवश्य ही माफ करेंगे। मुझे सुनने के लिए आप सभी का आभार। शुभकामनाएं।
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ख़ुश रहा कर...
ख़ुश रहा कर और अपना ख़्याल रखा कर।
रंग दे जो सबको प्रेम का ऐसा गुलाल रखा कर।।
चेहरे पे बस रौनक, न कोई मलाल रखा कर।
सुलझ जाए आसानी से ऐसे सवाल रखा कर।।
दिल ओ दिमाग में सुकुन, न कोई बवाल रखा कर।
फ़िक्र ज़माने की छोड़ ज़हन में खुद का हाल-चाल रखा कर।।
दौर कैसा भी हो गुज़र जाएगा,
चेहरे पे मुस्कान हर हाल रखा कर।
गिरते हैं शहसवार ही,
तू उठने का हौसला कमाल रखा कर।।
ख़ुश रहा कर और अपना ख़्याल रखा कर।
रंग दे जो सबको प्रेम का ऐसा गुलाल रखा कर।।
✍️ संजय कुमार ©️ -
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बस यूं ही जिंदगी...
बस यूं ही जिंदगी तुझसे दूरियां बना ली हमने.. ख्वाहिशों की क्या बात करें, जीने की कुछ मजबूरियां बना ली हमने...................... जानते हैं मुश्किल होगा तुझसे दूर रहना जिंदगी.......... ..….................................. फिर भी अलग सी धुरियां बना ली हमने।।।। ✍️ संजय कुमार ©️
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