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एक सफ़र -मजरूह सुल्तानपुरी के साथ Poets & Poetries with Paramjit kaur Kalam Bolti Hai

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रुक जाना नहीं ..तू कहीं हार के
कांटों पे चल के.. मिलेंगे साये बहार के
कलम की स्याही से गीत, गज़ल और शेर-ओ-शायरी की दुनिया में राज करने वाले .. मजरूह सुल्तानपुरी जिनके गीत आज भी फिज़ा में बिखरते हैं, गाए-गुनगुनाए जाते हैं।

रुक जाना नहीं ..तू कहीं हार के
कांटों पे चल के.. मिलेंगे साये बहार के
कलम की स्याही से गीत, गज़ल और शेर-ओ-शायरी की दुनिया में राज करने वाले .. मजरूह सुल्तानपुरी जिनके गीत आज भी फिज़ा में बिखरते हैं, गाए-गुनगुनाए जाते हैं।

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