Kalam Bolti Hai Paramjit kaur
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- Arts
Hamare aaspaas bahut si kahaniyaan hain . Kahi mulyon se jodti to kahi bikhrav se jhanjhorti hain ye kahaniyan...
Jo Dil Ko chho jaye....vahi hai meri Kalam ka prayas ...
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दोस्ती.. एक अहसास! written and narrated by Paramjit kaur
इस भागती -दौड़ती ज़िंदगी में बहुमूल्य है दोस्ती,
जो अकेले में भी चेहरे पर मुस्कान ले आए,
वही तो है दोस्ती...! -
ईदगाह -मुंशी प्रेमचंद
अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद जी ने इस कहानी में एक बच्चे की भावनाओं को जिस प्रकार पेश किया है.. वह बेमिसाल है। हर बार यह कहानी नई अनुभूति देती है।
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एक सफ़र -मजरूह सुल्तानपुरी के साथ Poets & Poetries with Paramjit kaur
रुक जाना नहीं ..तू कहीं हार के
कांटों पे चल के.. मिलेंगे साये बहार के
कलम की स्याही से गीत, गज़ल और शेर-ओ-शायरी की दुनिया में राज करने वाले .. मजरूह सुल्तानपुरी जिनके गीत आज भी फिज़ा में बिखरते हैं, गाए-गुनगुनाए जाते हैं। -
मैं ही कश्ती हूं, मुझी में है समुंदर मेरा! निदा फ़ाज़ली
Poet & Poetries with Paramjit kaur
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कविता-तुम मुझको कब तक रोकोगे..!
राजेश तेलंग जी द्वारा रचित यह कविता जीवन में हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
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संतुलन
जो तबाही हमें रुलाती है, उसकी आहट पर प्रकृति उदास हो जाती है। बाढ़, सूखा, तूफ़ान देख कर भी क्यों हम समझ नहीं पाते..? वर्ष भर उसका दोहन कर, पर्यावरण के नाम पर एक दिवस मना अपना अधिकार जताते हैं। ज़रूरी है विकास के साथ पर्यावरण में संतुलन बनाना।