Ruchhika Agarwal Ruchhika Agarwal
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- Cultura e società
कहने को तो बहुत कुछ बाकी है,
अभी के लिए मेरे लफ्ज़ ही काफ़ी है,
सादगी में खामोशी की तलाश,
मानो अनकही बातें सुनानी हैं ।
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हमारे मुराद
हमारे मुराद कई बार लालची एवं ईर्ष्यालु हो सकते हैं। परन्तु दुनिया में ऐसे मुराद और अभिलाषाओं की कोई जगह नहीं हैं। आशा करती हूं आप सभी सुने और समझे।