Shabd Raag By Alka Tiwari Alka Tiwari
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- Arte
साहित्य चर्चा
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यादों की पोटली
This poem is penned by me (Alka Tiwari). This is all about the precious memories of any one.
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खूबसूरत घाव - स्त्री जीवन की मार्मिक कहानी
स्त्रियों के प्रेम, समर्पण और त्याग की भावना के साथ ही कुछ अनकहा भी होता है उनके जीवन में, जिसे वह कभी व्यक्त नहीं कर पाती और पूरी शिद्दत के साथ ताउम्र अपनी जिम्मेदारियों को निभाती हैं। यह कहानी तरसेम कौर के द्वारा लिखी गई है जिसमें स्त्री जीवन के मर्म को उजागर करने की कोशिश की गई है।
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एक मुलाक़ात - अमृता प्रीतम
अमृता प्रीतम को जितनी बार सुना या पढ़ा जाए एक नया सा एहसास करा जाती हैं। उनकी लेखनी ज़मीन से जुड़ी हुई है और जीवन के पहलुओं को खोलती है। अमृता प्रीतम की इस कविता 'एक मुलाकात' में उन्होंने उम्र के एक पड़ाव पर इमरोज़ से होने वाली मुलाकात का ज़िक्र किया है।
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मजाज़ लख़नवी
मजाज़' लखनवी का मूल नाम असरारुल हक़ था। उनका जन्म यूपी के रुदौली कस्बे में 1911 में हुआ था। कुल 44 बरस जीनेवाले मजाज़ ने उर्दू शायरी में जो मकाम हासिल किया, वह बहुतों के हिस्से नहीं आया। मजाज़ की मक़बूलियत का आलम यह था कि उनकी नज़्में दूसरी भाषाओं में भी खूब सराही गई। खुद उर्दू में उन्होंने भाषा के नए पैमाने गढ़े।
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Pretty Ugly
This is the poem written by Abdulla Shoaib and recited by Alka Tiwari. This poem is about the confidence in you.
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सुब्ह-ए-आज़ादी : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
भारत में आज़ादी आई तब गांधी जी बेलियाघाट की तरफ थे, उधर लोग अपने हिंदू और मुसलमान भाइयों को आपस में मार-काट रहे थे । ऐसे वक़्त में गांधी जी तथा मौजूद सभी को ये लगा कि यह आज़ादी तो वह है ही नहीं, जिसकी हमने ख़्वाहिश की थी। फ़ैज़ को भी यही लगा था और उन्होंने अपने महसूस किए हुए शब्दों को क़लम से कुछ यूं बयां किया था ' ये दाग़ दाग़ उजाला' ...