anhadyog SwamiHarihar
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- Religion & Spirituality
धर्म,आयुर्वेद,ज्योतिष आध्यात्म चिन्तन, मोटिवेशन,नैचर, और भविष्यवाणी और भी बहुत कुछ पर, परमश्रद्धेय अंहदयोगी स्वामी हरिहर जी का चिंतन और मंथन जो आपका सच्चा मित्र बन मददगार हो सकता है
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क्यू जल रहे है आज गर्मी से शहर
जेठ के महीने में गर्मी होना, विशेषकर 9 दिन तक गर्म हवाएं चलना हम सभी के लिए शुभकारी है, ये गर्मियां आज ही नही तप रही बल्कि पूर्व से जेठ के महीने में तपती आयी है, यही ताप बादल बनाने में ओर भारत में वर्षा बनाने में सहयक होते है फर्क अब सिर्फ इतना है कि हम लोगो मे धैर्य और सहनशीलता की बहुत कमी हो गयी है दूसरा शहरो मे पेड़ो की संख्या की कमी भी कारण है पर गर्मी कल भी इतनी थी है ओर रहेगी,,तो आओ मिलकर जेठ के महीने का स्वागत करें और इसके तपने की खूबियां जाने #पेड़_लगाओ
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अनहद यात्रा पद्वति 4
अनहदयोग एक आसान पद्धति है:-अनहदयोग एक आसान पद्धति है जिसे सीख कर हर इन्सान हर जगह व हर कार्य व अपने जीवन में इससे अपने आप को अच्छा कर सकता है व दूसरो की बुराइओ को दूर कर सकता हैं वह समाज को पतन की तरफ जाते हुए उसे ऊपर उठा सकता है यह बहुत आसान प्रक्रिया हैं जिसे प्रयोग में लाकर स्वास्थ्य अच्छा रख सकते है व बच्चो की स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं तथा बच्चो को बचपन में चश्मे चढ़े हुए को उतार सकते है बुजुर्गो को परेशानियो से बचा सकते है स्त्रियो को अपमान से बचा सकते है
अनहदयोग आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल सुलभ ध्यान पद्धति है। यह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति से जु़ड़ने का सरल एवं सिद्ध मार्ग है। अनहदयोग आत्म साक्षात्कार कर परमात्मा को जानने की विधा सीखी। -
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अनहद यात्रा भाग 2
अनन्त, जो आयु, समय से परै हैं बस हैं तो हर पल परिवर्तन ही परिवर्तन, हलचल बस अनन्त जिसमे कुछ न कुछ घटित होता रहता हैं जहाँ हर पल निर्माण- निर्वाण हैं वह अनन्त जिसे न नापा गया न नापा जा सकता हैं केवल अनुभव किया गया हैं वह अनन्त जो स्वयं भ्रम का जाल बुनता हैं वही अनन्त ब्रह्म बनता हैं कोटी-कोटि दुरी तक फैला, अपना आकर बडता तो कभी स्वयं सुकड़नै लगता हैं अनन्त का अंत नही , कोई हद नही ....
पर कौन कहता अनन्त को समझा नही जा सकता हैं कौन कहता हैं अनन्त को नही जाना जा सकता मेरी सोच मे निगाहों से देखने पर अनन्त की हद नही पर अनन्त को अपनी हद मे लाया जा सकता हैं वही तो अंहद योग हैं बस प्रयास की आवश्यकता हैं मेरा अनुभव कहता हैं जो हद मे लाया जा सकता हैं वह साकार रूप हैं और जिसे हद मे नही लाया जा सकता वह निराकार रूप ब्रह्म हैं दोनों को योग द्वारा प्रयोग मे लेने का सूत्र ही अंहद योग हैं आज के विज्ञान मे मे अनन्त को समझने मे आयु, और समय सबसे बड़ी बाधा हैं न मनुष्य के पास बड़ी आयु हैं न समय तो अनन्त को जानने का एक ही मार्ग बचत हैं एक ही सूत्र बचता हैं वह हैं अध्यात्म मार्ग जो अनन्त ब्रह्माण्ड को हद मे ला सकता हैं खोज का सूत्र प्रयासों पर टिकता हैं -
अनहद क्या है
अनहद का अर्थ है:- जिसका कोई हद न हो। अर्थात् जिसकी कोई सीमा न हो। यही कारण है कि अनहद शब्द का प्रयोग ब्रह्म या ईश्वर के लिए एक विशेषण के रूप में अनेक स्थानों पर किया जाता है।पर मेरी नज़र में अनहद की सीमा है और केवल योगी योग के माध्यम से अनहद को समझ सकता है वो ब्रहमांड जिसकी कोई हद नही..पर येागी उस ब्रहमांड को सिमित दायरे मे. ला सकते है यु तो वेद पुराण साक्षी है कि ब्रहमांड देह में ही बसता है यही नही देह मे करोडो ब्रहमांड बसते है तो योगी योग के माध्य से ब्रहमांड को चैतन कर सकता है चैतन ब्रहमांड ही ब्रह्म का ईश्वर साकार रूप है