Kunj-Nikunj leela Shri Vinod Agarwal
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- Religión y espiritualidad
दोऊ नव करें खेल, दोऊ भुज अंश मेल;
दोऊ सुख झेल झेल, मंद मुस्कावे हैं. . .
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Laadle Thakur Laadli Shyama
दोऊ सदा एक रस पूरे।
एक प्राण, मन एक, एक ही भाव, एक रंग रूरे।।
एक साध्य, साधनहू एकहि, एक सिद्धि मन राखैं।
एकहि परम पवित्र दिव्य रस, दुहू दुहुनि को चाखैं।।
एक चाव चेतना एक ही, एक चाह अनुहारै।
एक बने दो एक संग नित बिहरत एक बिहारै।।
(पद- रत्नाकर 180) -
Dou Kishor Ras Premin ki
Link to the complete track -
https://soundcloud.com/braj-rasik-vinod-agarwal/aaj-shyam-tum-bano-radhika -
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