72 episodes
Poetry, nazm, sher, ghazal, Hindi shayari
दोस्तों से डरता हूँ
मन की कोई बात
दौलत नहीं है बचानी कोई
कुछ बेबाक़ से ख़याल
मुझे मतलब बताओ
Few questions remained unanswered.
पूछा ख़्वाब का पता उसने
घर में था रखा ख़ंजर कैसा
ख़ामोश चीखता रहता हूँ