IX-SANSKRIT LESSON NO . 2 स्वर्णकाक: PART-2 Naveen Dutt
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संस्कृत पाठ्यपुस्तक शेमुषी भाग - 1 पाठ 2 स्वर्णकाक: भाग 2 जिसमें निर्धन बालिका की ईमानदारी व सच्चाई का महत्त्व बताया गया है ।
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संस्कृत IX पाठ 2 स्वर्णकाक: भाग -2
स्वर्णकाक: कथा में एक निर्धन बालिका के लोभ के त्याग से होने वाले सुपरिणाम का वर्णन किया गया । जिसमें बालिका लोभ में ना आकर केवल वही माँगती है जितना उसके लिए पर्याप्त है । परन्तु उसको उसके अच्छे गुणों के कारण जितना वह चाहती है उससे कहीं ज्यादा मिलता है ।