Galatinama गलतीनामा Anshuman Khurjekar
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- Utbildning
The podcast is about ‘mistakes’! We all make mistakes in our lives. What happens when we make mistakes?How do people react or respond to those? Can we learn from these and be a better person each passing day? The answer is ‘Yes’. Mistakes are blessings in disguise. Let’s Learn to accept ourselves and others with all the mistakes done. ‘गलतीनामा’ intends to discuss mistakes in a new light. 😊
anshuman.eltis@gmail.com
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Indie है हम !
Indie याने हमारे भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जानेवाली कुत्तों की प्रजाति है। उनका आवास यही है, फिर भी कईं लोग indies को नकारते है , उनसे डरते है और इसी कारन उनका एडॉप्शन होना आसानी से नहीं होता। हमारे देश पे जितना अधिकार हमारा है उतना ही इस देश में रहने वाले हर जीव का है। दुर्भाग्यपुर्ण बात यह है के हमें आज भी लगता है के सब सिर्फ हमारा है। इसीलिए शायद स्ट्रे डॉग्स या कैट्स, या कोई जानवर हमें हमारे आसपास नहीं चाहिए होता। यह सोच बदलनी होगी।
इंडीज भारत में रहने के लिए सब से योग्य ब्रीड है। ..तो ज्यादा से ज्यादा लोगोंको उन्हें अपने घर ले आना चाहिए। ..क्यों की अपने साथ वह ढेर सारा प्यार और ख़ुशी ले आएँगे।
और हां, Indie है वह और यह वतन उनका भी है। :) -
लेंस के बिना
नज़ारे कैमेरे के लेंस बिना भी देखे जा सकते है ये क्या हम भूल गए है ? हर वक्त यह कैमेरे की लेंस हम पर इतनी हावी होती है के नार्मल ज़िन्दगी के अनुभव हम ले ही नहीं पाते। पर हमें इस बात पे ध्यान देना होगा के हमारे अनुभव परिपूर्ण हो। जिस जगह है उस जगह मन से भी रहना, और वह लम्हा जीना उसी में ही ज़िन्दगी की ख़ुशी भरी है। है न ?
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कन्फेशन बॉक्स
कई बार जब लोग अपनी समस्याए हमें बताते है तब शायद वह सिर्फ हमें बताकर उनका मन हल्का करना चाहते है। ऐसे में हमें बिना पूछे कोई सुझाव नहीं देने चाहिए। कई बार हमारा उनकी बातोंको प्यार से सुनना ही उनके लिए काफी होता है। हमारे उपदेशोंकी झड़ी उनके लिए उस वक्त शायद किसी काम की नहीं। क्या हम लोगों की बाते संवेदना के साथ सुनना शुरू कर सकते है ?
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बच्चे कच्ची मिट्टी
बच्चे कच्ची मिट्टी
बच्चे जब आसपास हो तो हमें अपनी बातों का , हावभावों का ज्यादा ख्याल रखना होगा। हमें देखकर बच्चे भी वैसे ही बाते करने लगेंगे, उनका बर्ताव भी हम बड़ो जैसा ही हो जाएगा और वह उनके लिए बिलकुल अच्छा नहीं है। क्या हम अपने बच्चो को बच्चे रहने दे सकते है ? उनकी मासूमियत बरक़रार रखने की ज़िम्मेदारी हमारी ही है। है न? -
चालू खटखट में ही पानी पीना होगा !
ज़िंदगीं में हज़ारो बाते एक साथ चलती रहती है। ..मानो जैसे कोई खटखट चल रही हो दिमाग में। पर हमे जो कुछ अपनी ज़िन्दगियों में करना है वह इस खटखट में ही करना होगा। क्यो की अगर खटखट रुक जाने की राह हम देखते रहे, तो शायद कभी कुछ करने का वक्त ही न मिले। तो चलिए इस खटखट में ही हम वह हर बात करना शुरु कर देते है. .. फिर वह वर्जिश हो , नया कोई स्किल सीखना हो , या फिर कही ट्रैवल ही करना हो। एक बार इस खटखट को समझ जाए तो फिर सारे एक्सक्यूसेस एकदम ख़त्म।
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मर्द लिपस्टिक लगाते है !
समाज में हम हर तरह के स्टीरिओटाइप्स बनते देखते है और जाने अनजाने में हम भी अक्सर उसी सोच को बढ़ावा देने लगते है। हमें बहुत ध्यान से ऐसे स्टीरिओटाइप्स से बचना है और हमारे बच्चों को भी बचाना है। ऐसे ही एक स्टीरिओटाइप के बारे में हम इस एपिसोड में बात की गयी है।
अगर आप को यह एपिसोड पसंद आया तो मुझे जरूर बताइये और उसे लिखे और शेयर भी कीजिए !
धन्यवाद