JNU के एक पत्थर ने खोला इतिहास, सिंधु लिपि 'अफीम' क्यों और पुराने क़िले का राज़: पढ़ाकू नितिन, Ep 148 Padhaku Nitin
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एक रोज़ एक आर्कियोलॉजिस्ट जेएनयू की सड़कों पर टहल रहे थे। आदत के मुताबिक़ नीचे देख रहे थे। उम्मीद नहीं थी कि चंद कदमों दूर उन्हें पत्थर का ऐसा टुकड़ा मिलेगा जो प्राचीन इतिहास को बदल देगा.. और ये पहली बार नहीं था जब बीएम पांडे को ज़मीन से मिले किसी सुराग ने इतिहास की धारा को मोड़ा हो। ASI में पैंतीस साल तक काम करनेवाले बीएम पांडे 1996 में डायरेक्टर पद से रिटायर हुए थे। पद्म विभूषण बीबी लाल के शिष्य पांडे जी ने कालीबंगा, गिलूंद, सरदारगढ़, बुर्ज़होम, थानेसर के excavations में हिस्सा लिया और दिल्ली के पुराना किले में भी अहम खोज कीं। पढ़ाकू नितिन में आज बैठकी बीएम पांडे जी के साथ ही।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
एक रोज़ एक आर्कियोलॉजिस्ट जेएनयू की सड़कों पर टहल रहे थे। आदत के मुताबिक़ नीचे देख रहे थे। उम्मीद नहीं थी कि चंद कदमों दूर उन्हें पत्थर का ऐसा टुकड़ा मिलेगा जो प्राचीन इतिहास को बदल देगा.. और ये पहली बार नहीं था जब बीएम पांडे को ज़मीन से मिले किसी सुराग ने इतिहास की धारा को मोड़ा हो। ASI में पैंतीस साल तक काम करनेवाले बीएम पांडे 1996 में डायरेक्टर पद से रिटायर हुए थे। पद्म विभूषण बीबी लाल के शिष्य पांडे जी ने कालीबंगा, गिलूंद, सरदारगढ़, बुर्ज़होम, थानेसर के excavations में हिस्सा लिया और दिल्ली के पुराना किले में भी अहम खोज कीं। पढ़ाकू नितिन में आज बैठकी बीएम पांडे जी के साथ ही।
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