35 sec

Mubarak Zehan

    • Performing Arts

मुबारक़
समूचे भूधरा को, घरघटा नें घेर रखा है,
महज़ सपना तेरा सपना, तुझे सपना मुबारक़।
तेरी आंखें जो चाहे, जलते नभ का अंश भी देखे,
महज़ चंदा दिखा शीतल, तुझे चंदा मुबारक़।।
***

मुबारक़
समूचे भूधरा को, घरघटा नें घेर रखा है,
महज़ सपना तेरा सपना, तुझे सपना मुबारक़।
तेरी आंखें जो चाहे, जलते नभ का अंश भी देखे,
महज़ चंदा दिखा शीतल, तुझे चंदा मुबारक़।।
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