Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 5b – "स्वप्न जगे तो" Ishrosh
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- Religion & Spirituality
Hindi Novel - सीता सोचती थी, Chapter 5b – "स्वप्न जगे तो"
Author - डॉ. अशोक शर्मा
Narrator - नन्द कुमार
Description: ‘‘ सीता, बहधा िनय सायंकाल उिमला और अपनी सिखय के साथ यहाँ आती थ, अत: उस समय उस जगह पर पुष का आना विजत था। मिदर म जाकर पूजा करना और िफर कु छ देर सरोवर के पास बैठकर सिखय से बात करना उह िय था। उनके वयंवर क ितिथ और उसके िलये ितबध उनके िपता राजा जनक िनधारत कर चुके थे। उसम मा एक िदन शेष था। शाम हो चुक थी। सीता अपनी सिखय के साथ उपवन म आईं। "
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Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/nannd-kumar/message
Hindi Novel - सीता सोचती थी, Chapter 5b – "स्वप्न जगे तो"
Author - डॉ. अशोक शर्मा
Narrator - नन्द कुमार
Description: ‘‘ सीता, बहधा िनय सायंकाल उिमला और अपनी सिखय के साथ यहाँ आती थ, अत: उस समय उस जगह पर पुष का आना विजत था। मिदर म जाकर पूजा करना और िफर कु छ देर सरोवर के पास बैठकर सिखय से बात करना उह िय था। उनके वयंवर क ितिथ और उसके िलये ितबध उनके िपता राजा जनक िनधारत कर चुके थे। उसम मा एक िदन शेष था। शाम हो चुक थी। सीता अपनी सिखय के साथ उपवन म आईं। "
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30 min