Herok Pal Herok Pal
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- Artes
I am a storyteller and you will find all kind of stories in my podcast. It does not matter from which age group you are from, this podcast channel is for you
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Unlocked
लॉकडाउन के दौरान हम सबने अलग-अलग कहानियां देखी है सुनी है और उनकी हिस्सेदार भी रहे हैं यह कहानी भी उन्हीं कहानियों में से एक है और मुझे यकीन है इस कहानी को सुनते हुए आप भी ऐसी ही किसी कहानी को याद करेंगे तो इंतजार मत कीजिएगा जल्दी से उस कहानी को लिख दीजिएगा पर उससे पहले यह कहानी प्यार से सुनिए ।
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Munne ki Wapsi
रविंद्र नाथ टैगोर एक ऐसे लेखक है जो अपने समय से बहुत आगे सोचते थे ऐसा लगता है उनकी कहानियों से कि वह मनुष्य की भावनाओं को साक्षात देख सकते थे मनुष्य बड़ा ही भावनात्मक जीव है यह बात तो सब जानते हैं लेकिन इसको समझने के लिए कहानियां सबसे अच्छा माध्यम है ।
कहानियों की ट्रेन में आप सभी का स्वागत है इस ट्रेन में हर कोई यात्रा कर सकता है यह ट्रेन अलग-अलग दुनिया में जाती हैं और ऐसे व्यक्तियों और हालातों से परिचित करवाते हैं जो हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी देख चुके हैं, या देखते आ रहे हैं या जो हो चुका है... आइए और एक बार फिर हम उन सभी जिंदगीयों को मेरी जुबान से सुनते हैं ।
तो जुड़िए हमसे ।
Story Writer - Rabindranath Tagore ♥️ -
Taal Navami
गरीबी और सामाजिक उपेक्षा एक-दूसरे की सगी बहनें हैं। आइए सुनते हैं कहानी (बँगला भाषा के असर कथाकार विभूतिभूषण बन्योपाध्याय भारतीय कथा साहित्य में एक प्रकाशित नक्षत्र की तरह हैं। इन्होंने ग्राम-जीवन से जुड़ी समस्याओं, उनकी मन:स्थिति, उनकी आर्थिक, सामाजिक दशा और वहाँ के परिवेश को देखा-परखा और उसे अपनी रचनाओं का आधार बनाया। उनकी रचनाओं ने उन्हें एक श्रेष्ठ कथाकार के रूप में ख्याति दिलायी।)
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Toba Tek Singh
हम दुनिया में कहीं पर भी चले जाएं हम अपनी जमीन अपने देश से जुड़े रहना चाहते हैं चाहे कुछ भी हो जाए, आज की यह कहानी ऐसे ही एक इंसान की है जो अपने देश से जुड़े रहना चाहता है मगर उसे उखाड़ कर फेंका जा रहा है कहां फेंका जा रहा है वह यह भी नहीं जानता...क्यों फेंका जा रहा है उसे समझ नहीं आ रहा... आइए सुनते हैं कहानी |
टोबा टेक सिंह |
Written by Saadat Hasan Manto
Narrated by Herok Pal -
Dusri Duniya
यह एक ऐसी बच्चे की कहानी है जिसे अपने दादा जी की बातों पर पूरा विश्वास था जिसका मानना था हमारी दुनिया के अलावा एक और दुनिया है ।
इस कहानी में आप मासूमियत से मिलेंगे, दोस्ती से मिलेंगे, दृढ़ भावना से मिलेंगे, प्रेम से मिलेंगे । -
Kabuliwaala
Kabuliwala is a Bengali short story written Rabindranath Tagore in 1892, during Tagore's "Sadhana" period (named for one of Tagore's magazines) from 1891 to 1895. The story is about a fruitseller, a pathan from Kabul, Afghanistan who visits Calcutta (present day Kolkata, India each year to sell dry fruits. While living in India, he develops a filial affection for a five-year-old girl, Mini, from a middle-class aristocratic family, who reminds him of his own beloved daughter back home in Afghanistan.
On the auspicious Birthday of Rabindranath Tagore. let's come and celebrate with us. कहानियों की ट्रेन में आप सभी का स्वागत है इस ट्रेन में हर कोई यात्रा कर सकता है यह ट्रेन अलग-अलग दुनिया में जाती हैं और ऐसे व्यक्तियों और हालातों से परिचित करवाते हैं जो हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी देख चुके हैं, या देखते आ रहे हैं या जो हो चुका है... आइए और एक बार फिर हम उन सभी जिंदगीयों को मेरी जुबान से सुनते हैं ।
तो जुड़िए हमसे ।