9: Best of 2021 Kavita aur Shayari| Rahat Indori|Bhavani Prasad Mishr|Bashir Badr|Ramdhari Singh Dinkar|Hindi Kavita|Urdu Shayari
आज की गुफ्तुगू कुछ चुनिंदा कवियों और शायरों की तरफ से .
आज की काव्य गुफ्तुगू में मेहमान कोई एक कवी नहीं है बल्कि कई कवी और शायर है जैसे गुलज़ार साहब, रामधारी सिंह दिनकर, राहत इन्दोरी साहब , भवानी प्रसाद मिश्र, बशीर बद्र एंड कुछ औ। साल 2021 में मैंने 44 किताबें पड़ी और उन्हीं में कुछ बहुत अच्छा पढ़। उन सब का बेहतरीन मिश्रण होगा आज की काव्य गुफ्तुगू मे।
1. अहिस्ता चल जिंदगी,
अभी कर्ज चुकाना बाकी है।
2. यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी
3. चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ
4. मैं मजे में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है,
5. वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
6. ‘‘मैं एक कर्ण अतएव, माँग लेता हूँ,
बदले में तुमको चार कर्ण देता हूँ।
छोडूँगा मैं तो कभी नहीं अर्जुन को,
तोड़ूँगा कैसे स्वयं पुरातन प्रण को ?
7. एक सुबह होगी
8. रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
9. चाल चलने में महारत है यहाँ लोगों को,
और हम बचके निकलने का हुनर जानते हैं.
10. परखना मत परखने से कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
11. होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते
साहिल पे समुंदर के ख़ज़ाने नहीं आते
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- Published3 January 2022 at 13:59 UTC
- Length21 min
- RatingClean