अमृता प्रीतम की कुछ कविताएं

Vinay Iztirar Podcast

एक घटना तेर याद बहत दन बीते ु जलावतन हु जीतीं ह या मर गयीं- कु छ पता नहं िसफ' एक बार एक घटना हई थी ु *याल+ क रात बड़ गहर थी और इतनी ःत0ध थी क प2ा भी हले तो बरस+ के कान च6क जाते.. फर तीन बार लगा जैसे कोई छाती का 9ार खटखटाये और दबे पांव छत पर चढ़ता कोई और नाखून+ से पछली दवार को कु रेदता….. तीन बार उठ कर म ने सांकल टटोली अंधेरे को जैसे एक गभ' पीड़ा थी वह कभी कु छ कहता और कभी चुप होता ?य+ अपनी आवाज को दांत+ म दबाता फर जीती जागती एक चीज और जीती जागती आवाज “म काले कोस+ से आयी हंू ूहAरय+ क आंख से इस बदन को चुराती

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