एक शायर साहब किसी सरकारी दफ्तर से बाहर आ रहे थे कि तभी तेज़ आंधी चलने लगी. आंधी में एक पेड़ टूटकर गिरा और शायर साहब उसके नीचे दब गए. शायर साहब चिल्लाए कि कोई मुझे बचाओ, ये पेड़ हटाओ. तभी वहां से एक अधिकारी का चपरासी गुज़र रहा था. उसने कहा आप कौन हैं, वो दबा हुआ शख्स बोला, मैं शायर हूं, शेर सुनाता हूं। - सुनिए स्टोरीबॉक्स में मशहूर राइटर कृष्ण चंदर की लिखी कहानी 'जामुन का पेड़' का एक हिस्सा
المعلومات
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- تاريخ النشر١٥ جمادى الأولى ١٤٤٦ هـ في ٤:٢١ ص UTC
- مدة الحلقة١٥ من الدقائق
- التقييمملائم