Padhaku Nitin

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

  1. Nobel Prize के फेर में Trump, पहले ऐतिहासिक Deal अब Putin से Meeting: पढ़ाकू नितिन, Ep 228

    قبل يوم واحد

    Nobel Prize के फेर में Trump, पहले ऐतिहासिक Deal अब Putin से Meeting: पढ़ाकू नितिन, Ep 228

    भारतीय समय के मुताबिक 9 अगस्त की अल सुबह एक ख़बर हर जगह फ्लैश हुई. ये ख़बर जुड़ी थी एक Peace Deal से. Peace Deal जिसका मकसद था करीब 30 साल पहले शुरू हुई लड़ाई को सुलझाना. लेकिन ये Armenia-Azerbaijan Peace Deal का सिर्फ़ एक पहलू है. इसमें कई और भी पक्ष हैं, कई और Complexities साथ में हैं एक Nobel Cause. वही, Nobel जिसकी चाहत में US President Donald Trump ने दुनियाभर के झगड़ों को सुलझाने का बीड़ा उठा रखा है. Padhaku Nitin के इस एपिसोड में JNU Professor Amitabh Singh से हमने समझीं Armenia-Azerbaijan Conflict की बारीकियां, South Caucasus का Significant इतिहास, Armenia का Kannauj Connection और Trump-Putin की Alaska Meeting की संभावनाएं. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

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  2. कबीर-परंपरा के गुमनाम सितारे 'दादू' पर सुनिए JNU के Professor Purushottam Agrawal को: पढ़ाकू नितिन, Ep 227

    قبل ٦ أيام

    कबीर-परंपरा के गुमनाम सितारे 'दादू' पर सुनिए JNU के Professor Purushottam Agrawal को: पढ़ाकू नितिन, Ep 227

    आज से करीब 600 साल पहले एक कवि हुए जो आज तक लोगों के दिलो-दिमाग पर राज करते हैं. नाम है कबीर. कबीर के बारे में यूं तो कई बाते प्रचलित हैं. कुछ का प्रमाण है. कुछ का नहीं. मगर एक बात सौ फीसदी प्रमाणित है कि उनकी बातें अब भी उतनी ही रेलेवेंट हैं. लेकिन कबीर के अलावा और भी कई कवि हुए, जिन्हें अलग अलग कारणों से कबीर जितनी ख़्याति नहीं मिली. इनमें से एक प्रमुख नाम है राजस्थान के संत दादू दयाल का. इन की ख़्याति को यूं समझिए कि उनके समकालीन रहे बादशाह अकबर ने उन्हें उस दौर का कबीर कहा. 40 दिन तक उनसे धार्मिक चर्चा की. मगर ये सब सिर्फ Tip of The Iceberg है. दादू के बारे में जानने को बहुत कुछ है. इसलिए पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमने बात की JNU के पूर्व प्रोफेसर, UPSC के पूर्व मेंबर, न जाने कितनी यूनिवर्सिटियों में पढ़ा चुके और कबीर पर ऑथोरिटी माने वाले Professor Purushottam Agrawal से. प्रोफेसर साहब ने लिखी है दादू के जीवन का समग्र विश्लेषण करती So says Jan Gopal नाम की किताब. उम्मीद है आपको एपिसोड पसंद आएगा. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

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  3. Trump के 50% Tariff से भारतीयों को होगा सीधा नुकसान?: पढ़ाकू नितिन, Ep 226

    قبل ٦ أيام

    Trump के 50% Tariff से भारतीयों को होगा सीधा नुकसान?: पढ़ाकू नितिन, Ep 226

    इस साल के शुरुआत में जब US में चुनाव हो रहे थे तो कई भारतीय इस बात की उम्मीद लगा रहे थे कि- काश Trump वापस सत्ता में आ जाएं. उनकी दुआएं कबूल भी हुईं. मगर Partially, क्योंकि Trump अब वो ट्रंप नहीं रहे जो मोदी के ग्रेट फ्रेंड थे. इस बार उनके एजेंडे Business Centric ज़्यादा है. हालांकि ये Business किसके लिए कितना फायदेमंद है. ये भी किसी को नहीं मालूम. दुनियाभर में अलग अलग देशों पर Tariff लगाने के बाद आखिरकार Trump ने ये ऐलान किया कि US India पर न सिर्फ़ 25% का भारी Tariff लगाएगा, साथ ही 25% Penalty भी. क्योंकि वो Russia के साथ अपना Oil Trade सीमित नहीं कर रहा. पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में डॉक्टर मुक्तदर ख़ान के साथ उधेडे़ंगे US-India Relations की परतें, टटोलेंगे Trump का दिमाग-आकांक्षाएं और मजबूरियां. साथ ही समझेंगे उन Complexities के बारे में जो अभी भारतीयों के लिए खड़ी हो सकती है. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

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  4. China का ये Conflict जो करवा सकता है World War 3?: पढ़ाकू नितिन, Ep 225

    ٥ أغسطس

    China का ये Conflict जो करवा सकता है World War 3?: पढ़ाकू नितिन, Ep 225

    Geopolitics आजकल दो बड़े ध्रुवों के इर्द-गिर्द घूमती नज़र आती है. एक अमेरिका दूसरा चीन. दोनों सिर्फ़ दिशाओं में ही नहीं. धारा में भी एक दूसरे से उल्टे ही नज़र आते हैं. चीन का नाम अब हर बार एशिया और दुनियाभर के उन देशों में लिया जाने लगा है जो Geopolitics और World Trade को अपने हिसाब से चलाना चाहती हैं. मगर इस फेहरिस्त में शामिल होने के बावजूद भी China पूरी तरह निरंकुश नहीं है. उसकी भी कुछ दुखती रगें हैं. जिन्हें दबा दबा कर वेस्ट की ताकतें उसे समय समय पर काउंटर करती हैं. पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में टटोलेंगे चीन की सबसे ज़्यादा दुखने वाली नब्ज़ को Taiwan. जानेंगे कि Taiwan से क्यों है पूरी दुनिया को इतनी उम्मीदें? Taiwan-China Conflict का इतिहास और भविष्य क्या है? जानेंगे कि बार बार 2027 में Taiwan को ख़त्म करने के बावजूद भी Chinese President Xi Jinping की दिक्कतें क्या क्या हैं? जिसके लिए हमारे साथ है Taiwan पर किताब लिखने वाले Gaurav Sen.

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  5. Trump के Tariff का सामना India कैसे करेगा और क्या Russia से रिश्ता टूटने वाला है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 224

    ٣١ يوليو

    Trump के Tariff का सामना India कैसे करेगा और क्या Russia से रिश्ता टूटने वाला है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 224

    अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ़ कहा है कि भारत से 25% टैरिफ़ वसूला जाएगा और अगर रूस से दोस्ती ऐसे ही चलती रही, तो इसकी भी कीमत चुकानी होगी भारत हमेशा से कोशिश करता रहा है कि उसे रूस और अमेरिका में से किसी एक को न चुनना पड़े. लेकिन अब लग रहा है कि फैसला करना पड़ सकता है या फिर अमेरिका का दबाव भारत को उल्टा रूस के और क़रीब ले जाए? क्या हम ग्लोबल राजनीति में नए दोस्त और दुश्मन बनते देख रहे हैं? और भारत की आम जनता पर इसका असर क्या होगा? इन तमाम सवालों पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार, ट्रंप ने कैसे टैरिफ़ को हथियार बना दिया है? भारत क्यों झुक नहीं सकता? और आगे क्या विकल्प बचे हैं? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

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  6. Trump के Tarrif का सामना India कैसे करेगा और क्या Russia से रिश्ता टूटने वाला है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 224

    ٣١ يوليو

    Trump के Tarrif का सामना India कैसे करेगा और क्या Russia से रिश्ता टूटने वाला है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 224

    अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ़ कहा है कि भारत से 25% टैरिफ़ वसूला जाएगा और अगर रूस से दोस्ती ऐसे ही चलती रही, तो इसकी भी कीमत चुकानी होगी भारत हमेशा से कोशिश करता रहा है कि उसे रूस और अमेरिका में से किसी एक को न चुनना पड़े. लेकिन अब लग रहा है कि फैसला करना पड़ सकता है या फिर अमेरिका का दबाव भारत को उल्टा रूस के और क़रीब ले जाए? क्या हम ग्लोबल राजनीति में नए दोस्त और दुश्मन बनते देख रहे हैं? और भारत की आम जनता पर इसका असर क्या होगा? इन तमाम सवालों पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार, ट्रंप ने कैसे टैरिफ़ को हथियार बना दिया है? भारत क्यों झुक नहीं सकता? और आगे क्या विकल्प बचे हैं? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

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  7. Trump के MAGA Supporters क्यों है उनसे नाराज़?: पढ़ाकू नितिन, Ep 223

    ٢٩ يوليو

    Trump के MAGA Supporters क्यों है उनसे नाराज़?: पढ़ाकू नितिन, Ep 223

    इस दुनिया में आज जो कुछ घट रहा है — क्या वो मेरे कारण घट रहा है, या इसलिए क्योंकि मैं उसे घटने दे रहा हूं? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शायद यह बात कभी सीधे शब्दों में न कही हो, लेकिन उनके बयानों और फैसलों को देखकर ऐसा जरूर लगता है कि वो खुद को इसी तरह सोचते हैं। मगर अब उनके अपने ही देश में — अमेरिका में — एक नाम है जो लगातार चर्चा में है। एक ऐसा नाम, जिसे ट्रंप अब सुनना भी पसंद नहीं करते: जेफ्री एपस्टीन। हैरानी की बात ये है कि यही व्यक्ति, जिसे ट्रंप आज "creep" कहकर नापसंद करते हैं, उसे करीब 23 साल पहले वो "terrific guy" बुलाते थे। तो आखिर अब ऐसा क्या बदल गया है? Padhaku Nitin के इस एपिसोड में हम समझेंगे — Jeffrey Epstein का नाम अमेरिका में फिर क्यों चर्चा में है? Trump को इससे क्या परेशानी है? और क्यों अब खुद उनके समर्थक भी उनसे खफा नज़र आ रहे हैं? हमारे साथ हैं प्रोफेसर विनीत प्रकाश, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। अमेरिकी राजनीति और नीति पढ़ाने का उनके पास दो दशकों का अनुभव है। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    ٣٨ من الدقائق
  8. Japan में सत्ता का संकट! LDP की हार और Sanseito की जीत बदलेगा Indo-Japan रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 221

    ٢٢ يوليو

    Japan में सत्ता का संकट! LDP की हार और Sanseito की जीत बदलेगा Indo-Japan रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 221

    20 जुलाई 2025 को जापान में Upper House के लिए चुनाव हुए और नतीजे इतने चौंकाने वाले नहीं रहे, लेकिन एतिहासिक ज़रूर थे. प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी यानी LDP और उसके सहयोगी कोमेतो गठबंधन बहुमत से पीछे रह गए। उन्हें सिर्फ़ 47 सीटें मिलीं, जबकि ज़रूरत थी कम से कम 50 की. इस बार महंगाई, खासकर चावल की बढ़ती क़ीमतें और देश में विदेशी मज़दूरों को लेकर चिंता बड़ी बहस का मुद्दा रही। और इसी माहौल में उभरी एक नई ताक़त  Sanseito पार्टी, जिसके नेता सोहेई कामिया ने “Japanese-First” जैसे नारों के साथ बड़ा असर डाला. ऐसे ही नारे हमने अमेरिका में राष्ट्रपती ट्रंप की रैली में भी सुन चुके हैं. ट्रंप ने जैसे बाहर से आकर अमेरिका की राजनीति के केंद्र में पहुंच गए, क्या जापान में भी ऐसा होता दिख रहा है… क्या इशिबा सरकार बच पाएगी? जापान की आर्थिक और विदेश नीति का क्या होगा? और भारत जैसे साझेदार देशों के लिए इसका क्या मतलब है? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    ٤٥ من الدقائق

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