Geeta Saar (Hindi)

Podone
Geeta Saar (Hindi)

भगवत गीता के उपदेश सबसे बड़े धर्मयुद्ध महाभारत की रणभूमि कुरुक्षेत्र के युद्ध में अपने शिष्य अर्जुन को भगवान् श्रीकृष्ण ने दिए थे जिसे हम गीता सार – Geeta Saar भी कहते हैं। आज 5 हजार साल से भी ज्यादा वक्त बित गया हैं लेकिन गीता के उपदेश आज भी हमारे जीवन में उतनेही प्रासंगिक हैं महाभारत के मुताबिक श्री कृष्ण ने सबसे बड़े धर्मयुद्ध महाभारत में अपने शिष्य अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे उस युद्ध को जीतना अर्जुन के लिए आसान हो गया था। गीता के उपदेशों (Geeta ke Updesh) को जीवन का सार या जीवन के उपदेश (Jeevan Updesh Hindi) भी कहते हैं। वहीं अगर हिन्दू धर्म के इस महान ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में सम्मिलित कर लिया जाए तो मूर्ख व्यक्ति के जीवन का भी बेड़ा पार हो सकता है। इसके साथ ही इस महान ग्रंथ गीता में जीवन की वास्तविकता और मनुष्य धर्म से जुड़े उपदेश दिए गए हैं। कई बार ऐसा होता है कि हमें अपनी समस्या का समाधान नहीं मिलता या फिर विपत्ति के समय हमें बहुत परेशान हो जाते हैं। आइए सुनते हैं Geeta Saar के बारे में जो इंसान के भीतरी मन की उठापटक को शांत कर उसे सफल जीवन व्यतीत करने में सहायता करते हैं

  1. गीता सार – अध्याय 18

    2023/02/14

    गीता सार – अध्याय 18

    मोक्षसंन्यासयोग इस अध्याय में भगवान कृष्ण अर्जुन को मोक्ष प्राप्ति के मार्ग के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि मोक्ष प्राप्ति के लिए सब चीजों का मोह त्याग कर मनुष्य को पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित हो जाना चाहिए। अपने जीवन के हर कर्म को कृष्ण को ही समर्पित कर देना चाहिए। उनसे अथाह प्रेम करना चाहिए। उन पर पूरी श्रद्धा रखनी चाहिए। उन्हें भजते रहना चाहिए। और सन्यासी की भांति किसी भी चीज से मोह नहीं करना चाहिए। इस प्रकार जीवन बिताने के बाद मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। अंत में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि अगर वह अब भी युद्ध नहीं करना चाहता है तो वहाँ से जा सकता है। लेकिन विधि का विधान हमेशा होकर रहता है। कोई न कोई उसके बदले युद्ध कर ही लेगा। लेकिन अब तक अर्जुन का सारा संशय खत्म हो चुका था। वह भगवान श्री कृष्ण को प्रणाम करता है। और धर्म युद्ध के लिए तैयार हो जाता है। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 18 धन्यवाद

    14 分钟
  2. गीता सार – अध्याय 14

    2023/02/14

    गीता सार – अध्याय 14

    गुणत्रयविभागयोग इस अध्याय में श्री कृष्ण ने तीन गुणों के बारे में बताया है। ये तीन गुण हैं – सात्विक, तामसिक और राजस्विक। सात्विक लोग शाकाहारी भोजन करते हैं, सादे वस्त्र धारण करते हैं , बातों से मृदुल होते हैं व् ईश्वर की भक्ति करते हैं। मृत्यु के बाद ये मोक्ष प्राप्त करते हैं। तामसिक प्रवृति वाले लोग मांसाहारी भोजन करते हैं, गंदे वस्त्र पहनते हैं , हिंसक होते हैं व् कभी भी ईश्वर की स्तुति नहीं करते। मृत्यु के बाद ये नरक भोगते हैं। राजस्विक लोग भोग -विलास में रूचि लेते हैं , इनमें दोनों के गुण होते हैं। मृत्यु के बाद इन्हे कर्मानुसार स्वर्ग व् नरक दोनों मिल सकते हैं। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 14 धन्यवाद

    6 分钟
  3. गीता सार – अध्याय 12

    2023/02/14

    गीता सार – अध्याय 12

    भक्तियोग श्री कृष्ण कहते हैं कि सबसे बड़ा योग भक्ति योग ही है। यदि कोई बड़े -बड़े वेद -पुराण नहीं पढ़ सकता, यज्ञ -हवन- तप आदि नहीं कर सकता तो उसे भक्ति योग का सहारा लेना चाहिए। मनुष्य को ईश्वर के प्रेम में लीन होकर उसकी भक्ति करनी चाहिए। उसके भजन गाने चाहिये। उसका मनन -चिंतन -और गुणगान करना चाहिये। स्वयं को पूरी तरह से श्री कृष्ण के चरणों में समप्रित कर देना चाहिए। ऐसे भक्त श्री कृष्ण को परम -प्रिय होते हैं। और वे खुद उनके भक्त हो जाते हैं। मीरा और सूरदास सच्चे भक्तों का उदाहरण हैं। ऐसे भक्तों को प्रभु मोक्ष प्रदान करते हैं। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 12 धन्यवाद

    5 分钟
  4. गीता सार – अध्याय 11

    2023/02/14

    गीता सार – अध्याय 11

    विश्वरूपदर्शनयोग – Geeta Summary in Hindi इस अध्याय में श्री कृष्ण अर्जुन को अपने विराट रूप के दर्शन करवाते हैं। अर्जुन देखता है कि उनका स्वरुप तीनों लोकों में फैला हुआ है। समस्त ब्रह्माण्ड में उनकी ही छवि है। उनके चार हाथ हैं। और असंख्य सिर हैं। कुछ सिर बेहद डरावने हैं और कुछ बेहद सौम्य। कुछ मुखों से आग, जल आदि निकल रहे हैं। उनके एक तरफ से जीव -जंतु जन्म लेकर पृथ्वी की तरफ आ रहे हैं। और दूसरी तरफ वे मौत के गाल में समा रहे हैं। जन्म और मृत्यु सब श्री कृष्ण के द्वारा ही हैं। यह सब देखकर अर्जुन विस्मित हो जाता है। और श्रदा – पूर्वक प्रभु के चरणों में नमन करता है। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 11 धन्यवाद

    15 分钟

关于

भगवत गीता के उपदेश सबसे बड़े धर्मयुद्ध महाभारत की रणभूमि कुरुक्षेत्र के युद्ध में अपने शिष्य अर्जुन को भगवान् श्रीकृष्ण ने दिए थे जिसे हम गीता सार – Geeta Saar भी कहते हैं। आज 5 हजार साल से भी ज्यादा वक्त बित गया हैं लेकिन गीता के उपदेश आज भी हमारे जीवन में उतनेही प्रासंगिक हैं महाभारत के मुताबिक श्री कृष्ण ने सबसे बड़े धर्मयुद्ध महाभारत में अपने शिष्य अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे उस युद्ध को जीतना अर्जुन के लिए आसान हो गया था। गीता के उपदेशों (Geeta ke Updesh) को जीवन का सार या जीवन के उपदेश (Jeevan Updesh Hindi) भी कहते हैं। वहीं अगर हिन्दू धर्म के इस महान ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में सम्मिलित कर लिया जाए तो मूर्ख व्यक्ति के जीवन का भी बेड़ा पार हो सकता है। इसके साथ ही इस महान ग्रंथ गीता में जीवन की वास्तविकता और मनुष्य धर्म से जुड़े उपदेश दिए गए हैं। कई बार ऐसा होता है कि हमें अपनी समस्या का समाधान नहीं मिलता या फिर विपत्ति के समय हमें बहुत परेशान हो जाते हैं। आइए सुनते हैं Geeta Saar के बारे में जो इंसान के भीतरी मन की उठापटक को शांत कर उसे सफल जीवन व्यतीत करने में सहायता करते हैं

你可能还喜欢

若要收听包含儿童不宜内容的单集,请登录。

关注此节目的最新内容

登录或注册,以关注节目、存储单集,并获取最新更新。

选择国家或地区

非洲、中东和印度

亚太地区

欧洲

拉丁美洲和加勒比海地区

美国和加拿大