चिरस्वयंवरा- शिवानी की कहानी | #chirswayamvarashivanikikahani
शिवानी हिंदी की ऐसी कथाकार हैं, जिनके शब्दों में स्त्री का दिल उन पहाड़ी झरनों की मानिंद गुनगुनाता है, जिनकी ओट में वह पैदा हुईं | शिवानी का असली नाम गौरा पंत शिवानी था | उन्होंने देश की एक समूची पीढ़ी की औरतों को पढ़ना सिखाया | भारतवर्ष की उन महिलाओं को , जिनके लिए उनका घूंघट ही उनकी दुनिया थी ,जिनमें शायद हमारी नानी, दादी, मां, बड़ी मां, चाची, ताई, बुआ और मामी शामिल भी शामिल थीं शिवानी की पहली कहानी महज 12 वर्ष की उम्र में प्रकाशित हुई थी |इसके बाद तो उन्होंने कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, पूतोंवाली, चल खुसरो घर आपने, श्मशान चंपा, मायापुरी, कैंजा, गेंदा, भैरवी, स्वयंसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप और आकाश जैसी कृतियों से समूचे हिंदी जगत को चौंका दिया था | आइये सुनते हैं शिवानी जी की कहानी चिरस्वयंवरा.......
Информация
- Подкаст
- Опубликовано28 июля 2021 г. в 10:48 UTC
- Длительность29 мин.
- Сезон1
- Выпуск16
- ОграниченияБез ненормативной лексики