
दक्षिणी भारत का शंकर कैसे बना आदि गुरु शंकराचार्य? शंकर के बचपन se लेकर संत बनने की कहानी
नमस्ते कैसे हो आप सभी। सभी का कल्याण ho। COVID-19 का प्रभाव कम हो रहा। सभी अपने काम में जुट गए हैं। मैं भी वही कर रही। अपना काम आप तक उन कहानियो को पहुंचाने का असली काम। आज की story सिंगल् स्टोरी नहीं बॉक्स of story है। ये कहानी है जगत गुरु आदि शंकराचार्य के बचपन की और उसने जुड़े लोगों के उनके बारे में प्राप्त अनुभव की। कहानी है शंकर के भोले माँ पिता की उन गुरुओ की जिनका जन्म शंकर को ज्ञान देने और मार्गदर्शन के लिए hua। कहानी उन घटनाओं और रीतियों कि जिनको बदलने के लिए नयी सोच इस दुनिया को देने के लिए शांति प्रेम और सद्भावना का पुनर्निर्माण करने के लिए खुद ईश्वरत्व को जन्म लेना पड़ा। सुनिए और साझा करिए अपनों मे क्योंकि ज्ञान और जानकारी बांटने से बढ़ता है। यह धन नहीं जिसे छुपा कर रखा जाए यह तो knowledge है अनुभव का। जिसे युगों पहले किसी ने अनुभव किया। पर बहुत प्रासंगिक समाधान दिया हर समस्या का जो आज आम लोगों के जीवन और समाज के लिए परेशानी का कारण है। आपको भी यह कहानी आपकी समस्या का हल दे सकती है। सुनिए कल थी काशी आज है बनारस जहां आदि गुरु शंकराचार्य, vallabhachary, तुलसी, रैदास, कबीर, tailang स्वामी और अनेक mahavibhutiyi ने जीवन बिताया और सही जीवन का क्या ढंग होता है यह आदर्श स्थापित किया। जिसे लाइफ स्टाइल कहते हैं। वह अगर सही है तब जीवन में रोग मुश्किल नहीं होगी ऐसा नहीं कहा जा सकता पर असाध्य नहीं होंगे। नमस्कार सुनिए और आनंद लीजिए। कहानी बहुत अच्छी है।
資訊
- 節目
- 發佈時間2022年10月19日 上午8:29 [UTC]
- 長度37 分鐘
- 季數3
- 集數68
- 年齡分級兒少適宜