
नमक का दरोगा - मुंशी प्रेमचंद Episode - 12
महान उपन्या्सकार और कहानीकार मुंशी प्रेमचन्द के असाधारण अंतर्मुखी व्यक्तित्व और अमर साहित्यिक कृतियों के बारे में उनके निधन के 81 वर्ष बाद भी ‘कफ़न’, ‘गबन’. ‘गोदान’, ‘निर्मला’, ‘ईदगाह; और ‘नमक का दरोगा’ जैसी उनकी कालजयी रचनाएं खुद बोलती हैं।
नमक का दरोगा प्रेमचंद द्वारा रचित लघु कथा है। इसमें एक ईमानदार नमक निरीक्षक की कहानी को बताया गया है जिसने कालाबाजारी के विरुद्ध आवाज उठाई। यह कहानी धन के ऊपर धर्म के जीत की है। कहानी में मानव मूल्यों का आदर्श रूप दिखाया गया है और उसे सम्मानित भी किया गया है।
प्रेमचंद आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वे अपने समय में थे। उनकी कहानियों और उपन्यासों में दर्शाई गई समस्याएं हमारे समाज में आज भी मौजूद हैं। काल्पनिक चरित्रों के चित्रण के माध्यम से हमारे समाज की जिन समस्याओं की उन्होंने अपने समय में चर्चा की, वो आज भी हमारे समाज में मौजूद हैं और हम उनसे निजात पाने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। ‘होरी’, ‘धनिया’, ‘वंशीधर’ और ‘पंडित अलोपीदीन’ जैसे पात्र आज भी हमारे गाँवों और शहरों में मौजूद हैं।
信息
- 节目
- 发布时间2021年6月1日 UTC 18:44
- 长度23 分钟
- 季1
- 单集12
- 分级儿童适宜