पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापसी

पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापसी

आइए, हम ‘पानी और आत्मा’ के सुसमाचार की ओर लौटें। धर्मविज्ञान और सिंद्धात कभी भी हमें उद्धार नहीं दे सकते हैं। तो भी बहुत से मसीही लोग अभी भी उनके पीछे चल रहे हैं जिसके फलस्वरूप अभी तक उनका नया जन्म नहीं हुआ है। यह पुस्तक स्पष्ट रूप से हमें यह बताती है कि धर्मविज्ञान और धर्मसिद्धांत क्या गलती करते है और हम उचित रीति से किस प्रकार प्रभु यीशु पर विश्वास करें।

Episodes

  1. 12/08/2022

    1. नया जन्म पाने के मूल सुसमाचार का मतलब (यूहन्ना ३:१-६)

    इस दुनिया में, बहुत से लोग हैं जो यीशु पर विश्वास कर लेने मात्र से नया जन्म पाना चाहते हैं। कैसे? पहले मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि नया जन्म पाना हमारे ऊपर नहीं है। दूसरे शब्दों में, यह कुछ तो है जो कि अकेले हमारे कार्यों के परिणाम से नहीं हो सकता।लगभग सभी मसीहियों की यह गलत धारणा है। वे विश्वास करते हैं कि उनका नया जन्म हो गया है। इसलिए वे निम्नलिखित कारणों से आपस में विश्वास करते हैं। कुछ लोग कई नयी कलीसिया बनाने के द्वारा उद्धार पाने की कोशिश करते हैं। कुछ लोग अपने आप को उन लोगों के बीच में जहाँ परमेश्वर का वचन नहीं पहुँचा है, ऐसे दूरस्थ स्थानों में प्रचार करने के लिए यीशु मसीह के जैसे मिशनरी के रूप में समर्पित करते हैं, और कुछ लोग विवाह से बिल्कुल इनकार करते हैं। वे अपनी सारी शक्ति परमेश्वर के कार्य में खर्च करते हैं इस विश्वास से कि यही परमेश्वर का कार्य है।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    1h 24m
  2. 12/08/2022

    3. सच्चा आत्मिक खतना (निर्गमन १२:४३-४९)

    जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं उनके लिए परमेश्वर का वचन पुराना नियम व नया नियम दोनों महत्वपूर्ण एवं बहुमूल्य हैं। हम वचनों के एक भी भाग को छोड़ नहीं सकते क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवन का वचन है। आज का परिच्छेद हमें कहता है कि जो कोई भी फसह का पर्व मनाना चाहे उसे पहले खतना करवाना होगा। परमेश्वर ने हमसे यह कहा है इसके बारे में हमें सोचना चाहिए। जिसका खतना नहीं हुआ है, वह फसह पर्व नहीं मना सकता। यदि हम यीशु में विश्वास करते हैं, तो परमेश्वर के उद्देश्य के लिए इस आदेश को हमें समझना चाहिए। खतना पुरूष लिंग के अग्रभाग को ढकने वाली चमड़ी को काटना है। क्यों परमेश्वर ने अब्राहम और उसके वंशजों को खतना करने के लिए कहा? इसका यह कारण है कि परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि केवल वह जो ‘पाप से अलग‘ है, वही उसकी प्रजा है।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    1h 32m
  3. 12/08/2022

    4. पाप का सच्चा और सही अंगीकार कैसे करें? (१ यूहन्ना १:९)

    १ यूहन्ना १:९ केवल धर्मी व्यक्ति के लिए लागू होता है। यदि एक पापी है जिसका अभी तक छुटकारा नहीं हुआ है, जो अपने प्रतिदिन के पापों और गलतियों की क्षमा के लिए इस वचन के अनुसार अंगीकार करता है, तो उसके पाप क्षमा नहीं होंगे। यहाँ मैं क्या कर रहा हूँ आपने देखा? यह परिच्छेद उस व्यक्ति के लिए लागू नहीं होता, जिसका नया जन्म नहीं हुआ है। इस संसार में बहुत से लोग हैं, जिनका अब तक नया जन्म नहीं हुआ है। परन्तु वे १ यूहन्ना अध्याय १ के परिच्छेद को लेकर पाप क्षमा की आशा से प्रार्थना और पश्चात्ताप करते हैं।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    18 min
  4. 12/08/2022

    5. प्रारब्ध और दैवीय चुनाव के सिद्धांत की भ्रामकता (रोमियों ८:२८-३०)

    प्रारब्ध और दैवीय चुनाव का सिध्धांत, जिसके आधार पर मसीही सिध्धांत का निर्माण हुआ है, उसने कई लोगो को जो यीशु पर विश्वास करना चाहते है उनको भ्रमित किया है। यह भ्रमित करने वाले सिद्धांत ही ज्यादा भ्रम का कारण हैं।भ्रमित धर्मविज्ञान वाले प्रारब्ध के विषय में कहते हैं कि परमेश्वर जिन्हें प्रेम करते हैं, उन्हें उसने चुन लिया है। लेकिन जो इसका इन्कार करते हैं उन्हें वह नापसंद करता है। इसका मतलब है कि कुछ लोग जिन्होंने पानी और आत्मा से नया जन्म पाया है, वे चुने गए हैं और उन्हें स्वर्ग में स्वीकार किया जाता है जबकि दूसरे जो चुने नहीं गए हैं, वे नरक में जलने के लिए चुने गए हैं।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    1h 26m
  5. 12/08/2022

    6. याजकपद में परिवर्तन (इब्रानियों ७:१-२८)

    पुराना नियम में, मलिकिसिदक नाम का एक महायाजक था। अब्राहम के समय में, राजा कदोर्लाओमेर और अन्य राजाओं के मध्य संधि हुई, वे सदोम और अमोरा के सारे धन और भोजन की वस्तुओं को लूट कर चले गये। तब अब्राहम ने अपने कुटुम्ब के युद्ध कौशल में निपुण दासों को लेकर, और अस्त्र-शस्त्र धाराण करके राजा कदोर्लाओमेर और उसके साथी राजाओं के विरुद्ध युद्ध किया।वहां अब्राहम ने कदोर्लाओमेर जो एलाम का राजा था, और उसके साथी राजाओं को हराकर उसने अपने भतीजे लूत और उसके धन को वापस ले आया। जब अब्राहम अपने शत्रु राजाओं को हराकर वापस आ रहा था, तब शालेम का राजा मलिकिसिदक जो परमप्रधान ईश्वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया और उसने अब्राहम को आशीर्वाद दिया, तब अब्राहम ने उसको सब वस्तुओं का दशमांश दिया (उत्पत्ति १४)।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    1h 23m
  6. 12/08/2022

    7. यीशु का बपतिस्मा हमारे छुटकारे के लिए अनिवार्य प्रक्रिया है (मत्ती ३:१३-१७)

    अतः संसार में बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि यीशु इस दुनिया में क्यों आया और क्यों यूहन्ना के द्वारा बपतिस्मा लिया? इसलिये आइए, हम यीशु के बपतिस्मा लेने के उद्देश्य और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला जिसने उसे बपतिस्मा दिया, उसके बारे में चर्चा करें। सर्वप्रथम, हमें उस विषय पर विचार करना है कि किसने यूहन्ना को यरदन नदी में लोगों को बपतिस्मा देने हेतु प्रेरित किया। यह सब मत्ती ३:१-१२ में वर्णित है कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवालेने लोगों को उनके पापों से मन फिरा कर, परमेश्वर के पास बपतिस्मा के माध्यम से परमेश्वर के पास वापस लाता था। जिसका काम था, पापों से मुक्त होने में लोगों की मदद करना।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    57 min
  7. 12/08/2022

    8. आओ हम विश्वास के साथ पिता की इच्छा पूरी करें (मती ७:२१-२३)

    यीशु मसीह कहता है, ‘जो मुझ से, ‘हे प्रभु! हे प्रभु!ʼ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।’ इन शब्दों से बहुत से मसीहियों के मनों में अचानक डर पैदा हो जाएगा। इस कारण वे परमेश्वर की इच्छा पर चलने हेतु कठोर परिश्रम करेंगे। अधिकांश मसीही सोचते हैं कि स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के लिए केवल उन्हें यीशु पर विश्वास करना जरूरी है, परन्तु मत्ती ७:२१ हमें कहता है कि प्रत्येक जो मुझे ‘हे प्रभु, हे प्रभु़’ कहता है, वह स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करेगा।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35

    28 min

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आइए, हम ‘पानी और आत्मा’ के सुसमाचार की ओर लौटें। धर्मविज्ञान और सिंद्धात कभी भी हमें उद्धार नहीं दे सकते हैं। तो भी बहुत से मसीही लोग अभी भी उनके पीछे चल रहे हैं जिसके फलस्वरूप अभी तक उनका नया जन्म नहीं हुआ है। यह पुस्तक स्पष्ट रूप से हमें यह बताती है कि धर्मविज्ञान और धर्मसिद्धांत क्या गलती करते है और हम उचित रीति से किस प्रकार प्रभु यीशु पर विश्वास करें।

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