द्रोण पर्व में हम महाभारत के युद्ध के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँचते हैं। भीष्म पितामह के शरशय्या पर जाने के बाद, युद्ध की बागडोर द्रोणाचार्य के हाथों में आती है। इस दौरान पांडवों की सेना और कौरवों के बीच भयंकर संघर्ष होता है, और अर्जुन के बेटे अभिमन्यु का साहसिक बलिदान भी इस पर्व में शामिल है। अभिमन्यु, जिसे चक्रव्यूह तोड़ने की कला सिखाई गई थी, परन्तु वह उसकी समाप्ति तक नहीं पहुँच पाता। इस एपीसोड में हम द्रोण पर्व की शुरुआत और अभिमन्यु के बलिदान तक के घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे।
المعلومات
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- معدل البثيتم التحديث كل أسبوعين
- تاريخ النشر١٥ مايو ٢٠٢٥ في ٢:٤٥ م UTC
- مدة الحلقة٣٣ من الدقائق
- التقييمملائم