
Hindi Ramayan Episode 20: कैकेयी के दो वरदान (Kaikeyi's two boons)
पिछली कथा में, हमने देखा कि कैसे मंथरा के शब्दों ने कैकेयी के मन में विक्षोभ उत्पन्न किया। वह रानी, जो कभी राम की सराहना करती थीं, अब अपने मन के भीतर चल रही द्वंद्व की शिकार हो चुकी थीं। और आज की कथा वहीं से आगे बढ़ती है— आज, हम देखेंगे कि कैसे कैकेयी, अपनी कोपभवन में जाकर अपने जीवन के दो सबसे निर्णायक वरदानों को याद करती हैं—वे वरदान, जो दशरथ ने युद्ध में उनकी रक्षा और योगदान के उपलक्ष्य में उन्हें कभी दिए थे।
आज, वह रानी उन्हें माँगने जा रही है… लेकिन ये कोई साधारण माँग नहीं—यह माँग है भरत के लिए राज्य और राम के लिए वनवास। कैकेयी का यह निर्णय केवल राम के जीवन को नहीं, बल्कि अयोध्या की आत्मा को भी झकझोर देता है। आज हम देखेंगे एक राजा की विवशता, एक पिता की पीड़ा, एक पुत्र की मर्यादा, और एक माँ के हृदय का द्वंद्व—जो उसे इतिहास की सबसे विवादित स्त्रियों में स्थान दिलाता है। तो आइए, जुड़िए हमारे साथ उस निर्णायक प्रसंग में, जहाँ राम का वनगमन केवल अरण्य की ओर नहीं, बल्कि मानवता की आत्मा की ओर यात्रा बन जाता है।
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Información
- Programa
- FrecuenciaCada semana
- Publicado30 de junio de 2025, 9:57 a.m. UTC
- Duración26 min
- Temporada2
- Episodio4
- ClasificaciónApto