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भारतीय पौराणिक कथाओं के तथ्य और प्रेरक कहानियाँ
(We will bring facts, stories and mantra of 'Happy Life' from Indian Mythology.) भाषा (Language) = हिंदी and English... www.Ishrosh.Com

Ishrosh Nannd Kumar

    • Religion & Spirituality

भारतीय पौराणिक कथाओं के तथ्य और प्रेरक कहानियाँ
(We will bring facts, stories and mantra of 'Happy Life' from Indian Mythology.) भाषा (Language) = हिंदी and English... www.Ishrosh.Com

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 9a – " और एक मोड़.... भाग-1 "

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 9a – " और एक मोड़.... भाग-1 "

    Hindi Novel - सीता सोचती थी

    Author - डॉ. अशोक शर्मा

    Narrator - नन्द कुमार

    Chapter 8 – " और एक मोड़.... भाग-1 "  हम अपने श्रोताओं को बता दें कि उपन्यास "सीता सोचती थी" श्रीमद्भ-वाल्मीकि रामायण  प्रसंगों पर आधारित है , सीता की मनःस्थिति का वर्णन काल्पनिक नहीं है। जयश्रीराम।


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    • 27 min
    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 8 – " साँसों में गीत "

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 8 – " साँसों में गीत "

    Hindi Novel - सीता सोचती थी

    Author - डॉ. अशोक शर्मा

    Narrator - नन्द कुमार

    Chapter 8 – " साँसों में गीत "

    हम अपने श्रोताओं को बता दें कि उपन्यास "सीता सोचती थी" श्रीमद्भ-वाल्मीकि रामायण  प्रसंगों पर आधारित है , सीता की मनःस्थिति का वर्णन काल्पनिक नहीं है। जयश्रीराम।


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    • 14 min
    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 7 – "अनिष्ट की आशंकाओं के मध्य "

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 7 – "अनिष्ट की आशंकाओं के मध्य "

    Hindi Novel - सीता सोचती थी

    Author - डॉ. अशोक शर्मा

    Narrator - नन्द कुमार

    Chapter 7 – अनिष्ट की आशंकाओं के मध्य

    राम और सीता रथ पर सवार थे। सीता, आँधी के वेग से भयभीत सी होकर राम के िनकट िखसककर बैठ गइ। राम ने उनका हाथ थामकर मानो उह आत िकया। राम के इस थम पश से सीता रोमांिचत हो उठ। उनके ने के समुख, उपवन म राम का थम दशन, िफर माँ गौरी क मूित पर सजी मुकु राहट अनायास ही छा गई। भावनाओं से भरी सीता ने ने बद कर िलये। 


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    • 8 min
    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 6 – "स्वयंवर"

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 6 – "स्वयंवर"

    Hindi Novel - सीता सोचती थी, Chapter 6 – "स्वयंवर"

    Author - डॉ. अशोक शर्मा

    Narrator - नन्द कुमार

    Description: सीता ने कहा। तीन बहन शरमाकर हँस पड़, िकतु िकसी को नह पता था िक सीता क अनजाने ही कही गई ये बात सच होने वाली है, और सचमुच सब सीता के साथ ही जायगी। सीता जब थोड़ी देर िवाम करने के बाद उठ, तो पता लगा वयंवर क सभा सज चुक थी। बहत से राजाओं और राजकु मार से सभाथल पूरी तरह भर चुका था। ऋिष, मुिन सभाथल के एक ओर ऊँ चे थान पर अपने-अपने आसन पर िवराजमान थे। जनकपुरी क जा सभाथल के अदर तो थी, िकतु जो अदर थान नह पा सके थे, ऐसे हजार यि सभाथल के बाहर जमा थे। जन-सैलाब उमड़ा पड़ रहा था।


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    • 15 min
    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 5b – "स्वप्न जगे तो"

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 5b – "स्वप्न जगे तो"

    Hindi Novel - सीता सोचती थी, Chapter 5b – "स्वप्न जगे तो"

    Author - डॉ. अशोक शर्मा

    Narrator - नन्द कुमार

    Description: ‘‘ सीता, बहधा िनय सायंकाल उिमला और अपनी सिखय के साथ यहाँ आती थ, अत: उस समय उस जगह पर पुष का आना विजत था। मिदर म जाकर पूजा करना और िफर कु छ देर सरोवर के पास बैठकर सिखय से बात करना उह िय था। उनके वयंवर क ितिथ और उसके िलये ितबध उनके िपता राजा जनक िनधारत कर चुके थे। उसम मा एक िदन शेष था। शाम हो चुक थी। सीता अपनी सिखय के साथ उपवन म आईं। "


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    • 30 min
    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 5 – "पीड़ाएँ फिर भी हैं...!"

    Novel: "सीता सोचती थी...!" Chapter 5 – "पीड़ाएँ फिर भी हैं...!"

    Hindi Novel - सीता सोचती थी

    Author - डॉ. अशोक शर्मा

    Narrator - नन्द कुमार

    Description: ‘‘बेटी, तुम कपना नह कर सकत िक राम के साथ तुहारे और लमण के वन जाने के बाद, मने जीवन को िकस कार िजया है। क तो सभी ने उठाये, िकतु तुमने िनदष होते हये भी जो कु छ सहा है, वह अकपनीय है और आज लव व कु श के प म हमारी भावी पीढ़ी भी उस ासदी को झेल रही है... बेटी आमलािन मुझे जीने नह दे रही है।''


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    • 15 min

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