शक था मुझे उसके अंदाज-ए-मोहब्बत पे
और यक़ीन भी नहीं था उसके वादा-ए-मोहब्बत पे फ़िर भी उसकी मासूमियत से इश्क़ करता था मैं झूठी थी वो और दग़ाबाज़ भी फिर भी उसकी अदाओं पे मरता था मैं अगर चाहता तो बर्बाद कर देता मगर उसकी बदनामीयों से डरता था मैं टूट गईं जब सारी कसमें और उम्मीदें भी हर वक़्त उस ख़ुदा से लड़ता था मैं झूठी थी वो और दग़ाबाज़ भी फिर भी उसकी अदाओं पे मरता था मैं क्यूं कि उसकी मासूमियत से इश्क़ करता था मैं
Information
- Show
- FrequencyUpdated Weekly
- PublishedJanuary 31, 2025 at 3:13 PM UTC
- Length26 min
- Season3
- Episode62
- RatingClean