**Part 1 - रुक जाऊं अगर तेरे कहने पर तो समझ जाना कि बिसरा अभी भी कुछ बाकी है ... थम जाऊं अगर तेरे थामने पर तो समझ जाना कि साथ अभी भी कुछ बाकी है.... ना बेहके दिल अगर बेहकाने पर भी तो समझ जाना कि शायद मेरे लौट आने की आस अभी भी कुछ बाकी है ... ❣️ **Part 2 - माना बिसरा भी कुछ बाकी था.. बचा साथ भी जीने के लिए काफी था.. बेहकाया दिल को भी दिलासों से .."क्या" तेरे आने की आस में बैठे रहना ही काफी था.. ख़ामोशियों को कोशिश बना... ज़िन्दगी से फिर रूबरू हो रहे है हम... छोडा़ तूने मझधार में हमें... पर अब शायद खुद ही "किनारा बन पार" हो रहे है हम... लौट आओगे भी तो बहुत आगे बढ़ चले है हम... उस "अधूरे रिश्ते की कच्ची पगडंडी" को छोड़ किसी रिश्ते की "मजबूत" राहों पे फिर से दौड़ चले है हम...❣️.
Information
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- PublishedApril 25, 2020 at 2:36 PM UTC
- Length2 min
- Season1
- Episode1
- RatingClean