कभी गमो के पहाड़ तो कभी प्यार के समन्दर गहरे देखे है ... कभी सबका साथ तो कभी अकेलेपन की रात निहारें देखे है. हौसले ज़िन्दगी ने बुलंद हर बार देखें है...... कभी अभिमान का साथ लिए तो चांद की तरह खुद पर भी दाग कई हज़ार देखे है..... कभी आत्मसम्मान का साथ लिए तो रिश्तों को खोते जारो जार देखे है ... हौसले ज़िन्दगी ने बुलंद हर बार देखें है...... कभी टूटे हम कुदरत की मार से तो वक़्त को मरहम देते कई बार देखे है.... कभी टूटे हम वक़्त की मार से तो "तुम्हारे साथ"से खड़े खुद को हर बार देखे है..... हौसले ज़िन्दगी ने बुलंद हर बार देखें है....
المعلومات
- البرنامج
- تاريخ النشر٢٦ ذو الحجة ١٤٤١ هـ في ٣:٠٨ م UTC
- مدة الحلقة١ من الدقائق
- الموسم١
- الحلقة٥
- التقييمملائم