Padhaku Nitin

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Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

  1. नाटो के डर से हटे नेहरू और लता मंगेशकर ने दिए पैसे.. ऐसे आज़ाद हुआ था ये प्रदेश: पढ़ाकू नितिन, Ep 171

    1일 전

    नाटो के डर से हटे नेहरू और लता मंगेशकर ने दिए पैसे.. ऐसे आज़ाद हुआ था ये प्रदेश: पढ़ाकू नितिन, Ep 171

    15 अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ, लेकिन कुछ हिस्सों की आज़ादी की तारीख अलग है. हैदराबाद 17 सितंबर 1948 को भारत का हिस्सा बना, गोवा 19 दिसंबर 1961 को आज़ाद हुआ और दादरा नागर हवेली 2 अगस्त 1954 को पुर्तगालियों से मुक्त हुआ. हमें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में तो पता है, लेकिन दादरा नागर हवेली के स्वतंत्रता सेनानियों ने कैसे संघर्ष किया, आज़ादी पाई और लगभग एक दशक बाद भारत का हिस्सा बने, यह कम लोग जानते हैं. इसकी कहानी बताई गई है किताब "Uprising: The Liberation of Dadra and Nagar Haveli" में, जिसे वेस्टलैंड नॉन-फिक्शन ने प्रकाशित किया है. इसके लेखक निलेश कुलकर्णी हैं, जो मैनेजमेंट के शिक्षक, पब्लिक स्पीकर, और कवि भी हैं. निलेश से हमने पूछा कि पुर्तगालियों के पास यह भारतीय हिस्सा कैसे पहुंचा, आज़ादी के बाद नेहरू ने इस राज्य की आज़ादी में क्यों दिलचस्पी नहीं दिखाई, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी का इस आज़ादी की लड़ाई से क्या रिश्ता है, और इसके लिबरेशन में RSS की क्या भूमिका रही. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1시간 15분
  2. TVF में काम करने की चाहत, Dost से प्यार करने के पंगे और Harshita के Move On Tips: पढ़ाकू नितिन, Ep 170

    10월 17일

    TVF में काम करने की चाहत, Dost से प्यार करने के पंगे और Harshita के Move On Tips: पढ़ाकू नितिन, Ep 170

    इस एपिसोड में हम दिल टूटने और उससे उबरने की बात करेंगे. हमारे साथ हैं हर्षिता गुप्ता, जो सोशल मीडिया पर काफी फ़ेमस हैं. आपने उन्हें इंस्टाग्राम पर देखा होगा और उनके रिल्स शेयर भी किए होंगे. आज वो आपको कुछ खास टिप्स देंगी जिससे आप ब्रेकअप के दर्द से जल्दी उबर सकें. 'पढ़ाकू नितिन' में हमने उनसे पूछा कि दोस्ती और प्यार का घालमेल को कैसे संभालें, एक्स से टच में रहने के नुकसान क्या हैं और ब्रेकअप के बाद कब थैरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए, अंत तक पूरी बताचीत ज़रूर सुनिएगा. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1시간 5분
  3. Iran जंग से पहले कैसे Israel को थका रहा है और India क्यों कभी Stand नहीं लेता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 169

    10월 10일

    Iran जंग से पहले कैसे Israel को थका रहा है और India क्यों कभी Stand नहीं लेता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 169

    7 अक्टूबर 2023 को हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद, इजरायल और मध्य पूर्व में महायुद्ध की शुरुआत हो गई है, जिसमें अब तक 42,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. गाजा से शुरू हुई ये जंग अब लेबनान और ईरान तक फैल चुकी है. अमेरिका के लिए इजरायल एक मुश्किल मामला बन गया है और भारत के लिए भी यह सवाल खड़ा है कि वह किसका समर्थन करे. इस संकट पर चर्चा करने के लिए, पढ़ाकू नितिन में हमने वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे को बुलाया है. उनसे जानेंगे कि इजरायल का अगला कदम क्या होगा और बदलते हालात में भारत की विदेश नीति कैसी होनी चाहिए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1시간 44분
  4. मोटिवेशन के लिए क्या सुनें, वर्क स्ट्रेस कैसे जाएगा और शिव खेड़ा किससे खफ़ा हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 167

    9월 26일

    मोटिवेशन के लिए क्या सुनें, वर्क स्ट्रेस कैसे जाएगा और शिव खेड़ा किससे खफ़ा हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 167

    'मोटिवेशनल स्पीकर' क्या बला है - भारत में जब कोई जानता भी नहीं था, तब भी लोग एक नाम जानते थे — शिव खेड़ा. उनकी लिखी किताब You Can Win (जीत आपकी) भी ख़ूब पॉपुलर हुई. इस बार शिव खेड़ा ‘पढ़ाकू नितिन’ में बतौर मेहमान आए, तो उन्होंने अपनी बातों से एक बार फिर प्रेरित किया. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बारे में बताया, वर्क स्ट्रेस कम करने के तरीके बताए और यह भी साझा किया कि वे कब रिटायर होंगे. इस एपिसोड में हमने शिव खेड़ा से पूछा कि अमेरिका में सब कुछ होने के बावजूद वे भारत लौटकर क्यों आए, मौजूदा मोटिवेशनल स्पीकर्स पर उनकी क्या राय है, और उन्हें ‘झारखंड का बेटा’ कहलाना क्यों पसंद नहीं है. मोटिवेशनल किस्सों से भरपूर इस पूरी बातचीत को अंत तक ज़रूर सुनें. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1시간 13분
  5. पाकिस्तान के सबसे सीक्रेट अड्डे पर कैसे पहुंचीं Indian Diplomat और पीछे लगे एजेंट को कैसे सिखाया सबक?: Padhaku Niti

    9월 19일

    पाकिस्तान के सबसे सीक्रेट अड्डे पर कैसे पहुंचीं Indian Diplomat और पीछे लगे एजेंट को कैसे सिखाया सबक?: Padhaku Niti

    पाकिस्तान के वजूद में आने से लेकर अब तक उसकी पॉलिटिक्स हेप्पेनिंग बनी हुई है. हमारे पड़ोस में हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है. मगर इसका उरूज लेट नाइंटीज़ में था. भारत के प्रधानमंत्री बस से पाकिस्तान गए थे. जिस नवाज़ शरीफ़ ने उन्हें रिसीव किया था, उसकी सरकार गिरा दी गई और बाद के सालों में दोनों देशों के बीच कारिगल युद्ध भी हुआ. जब ये सब हो रहा था तब उसकी एक गवाह थीं रुचि घनश्याम, इन घटनाओं और अपने अनुभवों को मिलाकर उन्होंने एक किताब लिखी, An Indian Woman In Islamabad. 'पढ़ाकू नितिन' में रुचि से हमने पूछा कि कैसे वो इक रोज़ आधी रात वहां पहुंच गईं जहां पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा था. जो एजेंट्स उनका दिन रात पीछा किया करते थे वो कैसे आमने-सामने आ गए और क्यों रुचि के एक साथी को लाठी मार कर अधमरा कर दिया. तथ्यों और किस्सों से भरपूर इस एपिसोड को अंत तक सुनिएगा, कमाल की जानकारियां मिलेंगी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    1시간 6분
  6. बिरयानी क्यों है सर्वगुण संपन्न, नमक कौन सा सही और वीगन के नाम पर क्या मज़ाक चल रहा है?: पढ़ाकू नित

    9월 12일

    बिरयानी क्यों है सर्वगुण संपन्न, नमक कौन सा सही और वीगन के नाम पर क्या मज़ाक चल रहा है?: पढ़ाकू नित

    खाना दुनिया के उन गिने-चुने कामों में से है जो ज़रूरत भी है और शौक़ भी, और अगर पूरी शिद्दत से दिल लगाकर किया जाए, तो यह पेशा भी बन सकता है और पहचान भी। कुछ लोग होते हैं जो क्या खाना है, इसके बारे में बहुत सोचते हैं, और कुछ ऐसे भी होते हैं जो बिना सोचे-समझे जो मिल जाए, खा लेते हैं। खाने के साथ प्यार भी जुड़ा होता है, इसका अपना 'लव लैंग्वेज' होता है। खाने के साथ मॉरैलिटी भी जोड़ी जाती है, और इसमें भूगोल भी एक बड़ा खिलाड़ी होता है। अब तो इसमें विज्ञान भी जुड़ गया है, और इस पर खूब काम किया है कृष अशोक ने। आज वे हमारे मेहमान हैं। इन्होंने खाने पर एक किताब लिखी है, जो रेसिपीज़ और इतिहास पर नहीं, बल्कि इसके विज्ञान पर आधारित है। कृष अशोक ने खाने से जुड़े कई मिथक तोड़े हैं, और शाकाहारी और मांसाहारी खाने की बहस को भी समाप्त कर दिया है। हमने उनसे पूछा कि भारत के लोग मसालेदार खाना क्यों पसंद करते हैं, किस तरह का नमक खाना के लिए सही है, और खाने के मामले में किसकी सुननी चाहिए। अंत तक इस लज़ीज़ पॉडकास्ट को सुनिए, इसका 'आफ़्टरटेस्ट' भी बहुत अच्छा है Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    1시간 20분
  7. 10 सालों तक बाग-बाग जा कर आम खाने के बाद लिखी गई किताब: पढ़ाकू नितिन, Ep 164

    9월 5일

    10 सालों तक बाग-बाग जा कर आम खाने के बाद लिखी गई किताब: पढ़ाकू नितिन, Ep 164

    आम की हर बात ख़ास होती है. आम सिर्फ़ एक फल नहीं, फलों का राजा होता है, आम इमोशन होता है, आम से रिश्ते बनते हैं, इनफ़ैक्ट सबसे अच्छा मौसम ही वो है जिसमें पेड़ों पर आम लगते हैं और हां! कोई आम ख़राब नहीं होता. आम के पेड़ों के इर्द-गिर्द समाज फलता है. बहसें होती हैं, झगड़ें होते हैं.आम रिश्वत भी है तो आम व्यवहार बनाने का ज़रिया भी है. आम को कोई मना नहीं करता और उस्तादों ने कहा है कि आम को सिर्फ़ गदहे ही नहीं खाते. आम की खुशबू ने कई गांवों की महक दुनिया तक पहुंचाई है और उसे ही एक पॉडकास्टनुमा शीशी में कैद कर आज हम आपके सामने हाज़िर हुए हैं, हमने बात कि लेखक सोपान जोशी से जिन्होंने एक पूरी फिर भी अधूरी किताब Mangifera Indica: A Biography of the Mango लिखी है, अधूरी इसलिए क्योंकि दुनिया में हज़ारों किस्म के आम हैं, बावजूद इसके हमने बहुत कुछ समेटने की कोशिश की है और उनसे पूछा है कि आखिर लोग आम को इतना पसंद क्यों करते हैं, बारिश के पहले या बाद में आम खाना चाहिए, इसके नाम कैसे पड़ते हैं, दक्षिण भारत के आम उत्तर के आमों से अलग कैसे हैं, सॉफ़्टड्रिंक्स किस आम से बनाए जाते हैं और मुगल और अंग्रोज़ों ने आमों के साथ क्या किया,अंत तक सुनिए, इस रसदार पॉडकास्ट में आमों पर हुई बेमौसम मगर मज़ेदार बातचीत को अंत तक सुनिएगा, मज़ा आएगा. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    1시간 32분

평가 및 리뷰

5
최고 5점
4개의 평가

소개

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

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