11 episodes

The podcast is about to expose the lies spreading in the society or country and to bring the historical truth in front of everyone.

Podcast - Prateek Singh Prateek Singh

    • News

The podcast is about to expose the lies spreading in the society or country and to bring the historical truth in front of everyone.

    एपिसोड 10: पंडित नेहरू और राष्ट्रवाद

    एपिसोड 10: पंडित नेहरू और राष्ट्रवाद

    एपिसोड 10: पंडित नेहरू और राष्ट्रवाद

    • 9 min
    एपिसोड 9: जवाहरलाल नेहरू और आज़ादी

    एपिसोड 9: जवाहरलाल नेहरू और आज़ादी

    आजादी आई , इंडिपेंडेंस आई. किसके लिए आज़ादी आयी, किसके लिए इंडिपेंडेंस आई? क्या चंद लोगों के लिए आयी ? जवाहरलाल के लिए आयी की आपने उसको चंद रोज के लिए प्रधानमंत्री बना दिया ? जवाहरलाल आएंगे और जायेंगे और लोग भी आते है और जाते है लेकिन हिन्दुस्तान तो आता ही है और आता ही रहेगा। 



    - जवाहरलाल नेहरू, 15 अगस्त 1960

    • 10 min
    एपिसोड 8: कश्मीर और गांधी के दो सिपहसालार

    एपिसोड 8: कश्मीर और गांधी के दो सिपहसालार

    इस एपिसोड से स्पष्ट होता है कि कश्मीर के भारत में विलय की परिस्थितियों में नेहरू क्या कर रहे थे और पटेल क्या कर रहे थे। इस मुहीम में दोनों की भूमिकाएं क्या थी। वे उस काम को करने के लिए अपना सब कुछ होम कर देते है और बाद में आलोचना करने वाले बड़ी आसानी से यह कह देते है कि ऐसा नहीं है, ऐसा चाहिए था।

    • 12 min
    एपिसोड 7: नेहरू ना होते तो कश्मीर ना होता

    एपिसोड 7: नेहरू ना होते तो कश्मीर ना होता

    पंडित नेहरू जानते थे कि अगर कश्मीर भारत में नहीं रहा और पाकिस्तान में चल गया या फिर आज़ाद हो गया तप दुनिया की शक्तियां कश्मीर के बहाने भारत के सिर पर नाचती रहेंगी। यह भारत की सुरक्षा के लिए एक स्थायी अंतर्राष्ट्रीय खतरा बन जायेगा।

    • 8 min
    एपिसोड 6: नेहरू - आधुनिक भारत निर्माता

    एपिसोड 6: नेहरू - आधुनिक भारत निर्माता

    2014 के बाद एक ऐसे नेहरू को प्रचारित करने का सफल प्रयास किया गया जिसका ताल्लुक उसे नेहरू से तो बिलकुल नहीं था जिसने देश की आज़ादी के लिए तीस साल का संघर्ष किया और उस तीस साल में से 10 साल जेल में रहे…

    • 4 min
    एपिसोड 5: गांधी हत्याकांड - वे कौन थे?

    एपिसोड 5: गांधी हत्याकांड - वे कौन थे?

    न तो वे आज़ादी की लड़ाई के उस दौर में सक्रिय उन नायकों मे शामिल नहीं थे जिन्होंने सब कुछ दांव पर लगाकर मातृभूमि की आज़ादी की लड़ाई लड़ी, ने ही वे उस दौर के उन बुद्धिजीवियों में से थे जिन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त समस्याओं को केंद्र में रखकर भविष्य की राह दिखाने वाले बौद्धिक काम किये।

    परिचय सिर्फ इतना है उनका कि वे उन मोहनदास करमचंद गांधी के हत्यारे थे जिन्हे नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रपिता कहा था और गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर ने महात्मा।

    • 4 min

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