It's a combination of an audio poem, piano, and strings arrangements. Arranged, Mixed, and Mastered by me. I wrote this poem three years ago and tried to execute it, Also learning music production, so making such poems defiantly makes the process faster for me. comments your thoughts on this piece, suggest something if you have any also share and subscribe if you like it.
समझ बनी रहना
प्रकृति से जुड़े रहना है - चाहे इंसानी रूप या कोई और,
तुम बस मुस्कुराहट बनी रहना।
है यकीन आइना में दिखी परछाईं सा,
बस वो इंसान बनी रहना।
शब्द तो सीख लूंगा मैं,
तुम बस नज़्में बनी रहना।
कहानियां बहुत है कहेने को,
तुम बस महेफिल बने रहना।
इबादत करता रहूंगा ज़िन्दगी भर,
तुम बस ख़ुदा बनी रहना।
में तो मिला नहीं कभी ख़ुदा से - शायद,
पर जिस तरह इंसान ने फरमाया है उसको,
मेरा ख़ुदा मानता हूं तुम्हे।
में तो बस कहूंगा, तुम बस वो "समझ" बनी रहना।
Cover : The Kiss by Gustav Klimt
Thông Tin
- Chương trình
- Đã xuất bản16:36 UTC 21 tháng 5, 2021
- Thời lượng2 phút
- Xếp hạngSạch