Wordsmith

Akshay S. Poddar
Wordsmith

Soulful voice. Indulging stories. And words that stay with you, because they are so relatable. He should be known for all three of them. Ambiguity is the charm of Akshay S Poddar, and his stories but you surely cannot miss the old school vibe to his words and his voice that is a product of his nostalgic childhood connotations of life. This Podcast Emotional Phool is a display of what life is about in the umbrella of love, compassion and life in the everyday world

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  1. Aankhein | poddarakshay

    30.01.2023

    Aankhein | poddarakshay

    आँखें  कुछ दिनों से रातें बेचैन हैं, लगता है किसी ने मेरी निगाहों में अपना मकान बना लिया है। जहां देखु वहाँ सिर्फ़ एक चेहरा नज़र आता है । पलकें दुखने लगी हैं, जैसे उसने दीवारों पर कील ठोक कर कोई तस्वीर लगाई हो। शायद हमारी ही कोई तस्वीर हो । देर रात तक आँखें खुली रहती है, लगता है जैसे वो मेरी पलकों से झांक कर दुनिया देखती है और मैं  हमेशा की तरह इंतज़ार करता रहता हूँ, की एक बार उस से मील सकूँ । नींद से आँखें बंद हों तो ख्वाबों में मिलने की सोचता हूँ। काफ़ी दिन हों गए हैं । मुझे लगने लगा है की वो अब असल ज़िंदगी में शायद कभी ना मिले, शायद मेरी आँखों से बाहर निकलने का उसका मन नहीं करता। उसको इन आँखों से दुनिया देखना पसंद है, यही सोच सोच कर नींद नहीं आती है और अब कुछ दिनों से धुँधला भी दिखने लगा है, शायद उसने पर्दे लगा लिए हैं.. पलकों से टपकते पानी को वो शायद बारिश समझ बैठी है  काश उसने मेरी आँखों से ख़ुद को देखते देखा होता

    1 мин.
  2. Tumhari Jhooti Chai | Akshay S. Poddar

    14.01.2023

    Tumhari Jhooti Chai | Akshay S. Poddar

    तुम्हारी जूठी चाय काफी दिनों बाद ऐसा मेहसूस हुआ है। कुछ अलग नहीं है, लेकिन कुछ थोड़ा बेहतर है। दिन भर, हर वक़्त, हर पल ठीक ऐसा मेहसूस होता है जैसा मुझे कभी महीनों में एक बार उम्मीद से ज्यादा अच्छी चाय पीने के बाद मेहसूस होता है। गरम, अच्छी और अदरक के साथ पकी हुई चाय जब आपके होठों से गुजर कर गले से उतरती है तो एक अलग सुकून मिलता है, लगता है जैसे छाती में कुच्छ भार, थोड़ा अधूरा प्यार और बेचैन फंसी कुछ बातेँ उतर के दिल को छू कर निकल जाती है। ऐसा नहीं कि चाय और मेरा प्यार कुछ ज्यादा है, लेकिन जब चाय पीने के बहाने चाय से अच्छे हो, तो चाय से मोहब्बत की जा सकती है। में इतना खुश नहीं मगर खुद से खफा हूं, इतना कुछ होने के बाद लगता है मेरे दिल के इरादे कुछ अलग है, मैं अक्सर उसे रोकता हूं, समझाता हूं और याद दिलाता हूं सब कुछ लेकिन इस बिचारे दिल कि गलती है ही नहीं.. गलती तो उसके बेचैन दोस्त दिमाग की है, दोनों मिलकर इतनी खुराफाती हरकते करते हैं कि उसका परिणाम मुझे भुगतना पड़ता है। हमेशा कि तरह कर बैठे प्यार फिर से, इनकी आदत बिगड़ चुकी है। मैंने समझाया तो मुझे यकीन दिलाने लगे, कहने लगे कि ये काफी अलग एहसास है.. दिल और दिमाग की दोस्ती ने दावा किया कि अब कि बार जो प्यार हुआ है.. वो उनकी गलती से नहीं हुआ, मेरी बेवकूफियों से हुआ है। मैं खुद को अक्सर भूल जाता हूँ, जब भी मिलता हूँ उससे, तो हर दिन एक नया इंसान होता हूँ। जूठे चाय के नशे में अक्षय

    2 мин.

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Soulful voice. Indulging stories. And words that stay with you, because they are so relatable. He should be known for all three of them. Ambiguity is the charm of Akshay S Poddar, and his stories but you surely cannot miss the old school vibe to his words and his voice that is a product of his nostalgic childhood connotations of life. This Podcast Emotional Phool is a display of what life is about in the umbrella of love, compassion and life in the everyday world

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