बचपन लौट जाऊं मैं फिर से वहाँ... था मैं छोटा बच्चा जहाँ... खिलौनों से जब मुझे प्यार था.. सबका मेरे पास दुलार था.... लौट जाऊं मैं फिर से वहां... था मैं बिल्कुल सच्चा जहाँ... नींदे मेरी रोते हुए खुलती थीं... खर्च में जब अठन्नी मिलती थीं... लौट जाऊं मैं फिर से वहां... थीं बरसात के पानी में नाव जहाँ... मेरे रुठने पर रूठता था घर... मुझको मनाने की तरकीबें थीं बेअसर... लौट जाऊं मैं फिर से वहां... कच्ची ज़बान में पढ़ता था कलिमा जहाँ... वो चीज़ो के लिए मेरा रूठना... वो चीनी के बर्तनों का मुझसे टूटना... लौट जाऊं मैं फिर से वहाँ... स्कूल को बढ़ते थे छोटे छोटे कदम जहां... होती थी पेंसिल से दिवारों पर कारीगरी... बहुत भाती थी वो अम्मा की जादूगरी... लौट जाऊं मैं फिर से वहाँ... टॉफियों का मालिक होता था बादशाह जहाँ... वो मिठाई के लिए बहनों से लड़ाई... होती थी सबकी फिर बराबर से पिटाई... लौट जाऊं मैं फिर से वहाँ... बैठकर बाबा के कंधों पर देखे थे मेले जहाँ... वो मामा का मेरे गालों को खींचना... इंजेक्शन लगते वक़्त मेरा दांत भीचना... लौट जाऊं मैं फिर से वहाँ... गुब्बारों-फुलझड़ियों का आलम था जहां... न खाने की फ़िक्र न पैसों का गुमां... ढूंढ लाओ मेरा बचपन खो गया है कहाँ....❤️ (Written by Harun Rashid)
Information
- Show
- Published7 June 2021 at 18:14 UTC
- Length2 min
- Season1
- Episode1
- RatingClean