Teri Meri Baat HT Smartcast
-
- Saúde e fitness
बातें कोरी बातें नहीं होती। उससे जुड़े होते हैं कई एहसास। तेरी मेरी बात में लाइव हिंदुस्तान की चीफ़ कंटेंट क्रिएटर और आपकी होस्ट पूनम जैन करेंगीं खूब सारी बातें, उन आदतों और बेचैनियों की, जो हमें अटकाती हैं, आगे बढ़ने से रोकती हैं।
आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है लाइव हिंदुस्तान प्रोडक्शन।
-
बदलाव प्रकृति का नियम है
बदलाव ही ऐसी चीज़ है जो हमेशा हमारे साथ रहती है | ऐसे में हमे खुदको हर बदलाव के लिए तैयार रखना चाहिए | बदलाव होने पर हमें गुस्सा आता है, क्योंकि हम चाहते हैं कि चीजें हमारे मनमुताबिक हों। हम चीजों को किसी और तरह से होते हुए देखना चाहते थे। बदलावों के बीच अपना फोकस बनाए रखने का एक तरीका है माइंडफुलनेस का अभ्यास। आज तेरी मेरी बात पर इसी पर बात |
-
अपने काम से खुश रहना सीखें
अपने काम से नाखुश बने रहना, हमें कहीं नहीं ले जाता। काम हो या फिर काम का माहौल, अगर पसंद नहीं है, तो उसे बदलने की कोशिश कीजिए। और, जब तक नहीं बदल पा रहे, तब तक जो भी काम है, उसे खुशी से ही कीजिए। यह सच है कि कामकाजी दुनिया में कई तरह की उठा-पटक होती हैं, पर दिक्कतें तो हर जगह होती हैं। इसलिए नाखुश हैं, तो अपने काम से जुड़ी कुछ बातो ंपर भी काम करिए। अपने काम से खुश रहना है तो क्या करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात
-
ना मन छोटा करें ना दिल खोटा
हम सब इस समय एक साझे दुख से जुड़े हुए हैं। किसी को अपनी चिंता है तो किसी को अपनों र्की। हर घर की अलग कहानी है। किसी का दुख छोटा या झूठ नहीं है। पर, हर समय दुखी रहकर जो है, उसे तो खोया नहीं जा सकता। बहुत कुछ है, जो हमारे हाथ में है। हमारा दुख एक है तो सुख भी। डर सच है तो हमारी हिम्मत भी। अपनी सोच से कहीं ज्यादा, हम अपनी और दूसरो की मदद कर सकते हैं, कैसे तेरी मेरी बात में इसी पर बात |
-
मन जब कर रहा हो बहुत ज्यादा तंग
मन जब बहुत दौड़ता है तो हमें दौड़ाने लगता है। कई दफा इतना दौड़ा देता है कि कुछ और करने की ऊर्जा ही नहीं बचती। बिना किसी सिर पैर के किसी भी तरफ भागने लगता है। ना कोई काबू, ना कुछ सही-गलत, हम बस बेकार की ऊट-पटांग बातें सोचते रहते हैं। सब तो टोकते ही हैं, हमें भी लगता है कि दिमाग को थोड़ा रिलैक्स करने की जरूरत है। मन को शांत करने के लिए हम क्या कर सकते हैं, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात
-
दिन को थोड़ा आसान बनाएं
कई बार तन और मन इतने थक जाते हैं कि हम सीधे-सादे से एक आसान दिन की चाह से भर उठते हैं। रोज की उठा-पटक और हर समय काम ही काम पर हम चौबीस घंटे दौड़ तो नहीं सकते। हमें अपने तनाव को कम करना आना ही चाहिए। और यह नामुमकिन भी नहीं है। कुछ बातों को अमल में लाकर हम वाकई अपनी जिंदगी को आसान बना सकते हैं। तेरी मेरी बात में इसी पर बात
-
आइए खुद को फिर से रीइेंवेंट करते हैं
आए दिन हम किसी न किसी समस्या से जूझ रहे होते हैं- इतनी भागदौड़, मेहनत और स्ट्रेस का सामना करके हम खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं। क्या यह सोचने की बात नहीं है कि कहीं हमें खुद को बदलने की जरूरत तो नहीं? कई बार खुद में छोटे-छोटे बदलाव जिंदगी को बदल देते हैं और जब सब कुछ बदलता है तो प्रकृति की छोटी से छोटी रचना भी अपना रूप बदलती है, तो हम एक से क्यूं रहें! खुद को कैसे रीइेंवेंट करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात