शुभा मुद्गल की ख़ासियत यही है कि उन्होंने जिस गीत को अपनी आवाज़ से सजाया वो चाहे कितने भी सिंगर्स ने पहले गाया हो लेकिन फिर वो उन्हीं का होकर रह गया। आज भी उनके गाए हुए पुराने गीत जब गूंजते हैं तो गुज़रा हुआ दौर उनकी आवाज़ में लिपटकर आंखों के सामने आ जाता है। शुभा मुद्गल के कुछ ऐसे ही गीतों को सुनिए 'गज़लसाज़' में और उनके बारे में ज़िक्र कर रहे हैं जमशेद कमर सिद्दीक़ी.
Informations
- Émission
- Chaîne
- FréquenceDeux fois par mois
- Publiée6 mars 2022 à 07:51 UTC
- Durée31 min
- ClassificationTous publics