6 épisodes

What is happiness? my views (From my Quarantine Diary).

Happiness ..‪.‬ Author Sweta Parmar

    • Éducation

What is happiness? my views (From my Quarantine Diary).

    दोराह (राह ए वफ़ा) पाठ-2.

    दोराह (राह ए वफ़ा) पाठ-2.

    कई बार ज़िंदगी में कुछ ऐसे लोग भी आपस में टकराते हैं जिन्हें दुनिया में सब कुछ आसानी से हासिल होता है किन्तु प्यार और भरोसा नहीं । कहने को तो कुछ लोग राजसी ठाठ के साथ जीते-रहते हैं और भरा पूरा परिवार भी होता है किन्तु फिर भी होते हैं एकदम अकेले, क्यूँकि स्थिरता नहीं होती उनमें। कारण या तो वो स्वार्थी बन, बहुत ज़्यादा की उम्मीद कर बैठते हैं या उनका अहं प्रमुख कारण होता है कि सब उनसे छूटता जाता है। उस वक़्त ज़रूरत पढ़तीं है खुद को सँभालने की और ये समझने की कि क्या ज़रूरी है खुद को स्थापित करने के लिए |

    ऐसा कभी नहीं होता है कि अगर हम सकारात्मक सोच लेकर चलें तो काम पूरे न हो| अगर जिद पक्की हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं|

    ऐसे ही दो लोगों की ज़िंदगी की कहानी है ये जिन्होनें ये सोचा कि उनकी  क़िस्मत में भगवान ने इन दो चीज़ों के अलावा- जो कि जीने के लिए सबसे ज़रूरी है- सब कुछ लिखा था । और उनसे- कुछ भी सम्भाला नहीं गया । उन्होनें अपनी नासमझियों की वजह से अपनी ही जिंदगी की कद्र नहीं की और फिर एक समय ऐसा आया कि एक फैसले ने सब कुछ बदल दिया ।

    • 8 min
    अहसास-एक अनुभूति (मेरी पुस्तक मेह की सौंध से एक लघुकथा)

    अहसास-एक अनुभूति (मेरी पुस्तक मेह की सौंध से एक लघुकथा)

    अक्सर ऐसा होता है कि हम सोचते कुछ हैं और होता अलग है। कैसे अचानक वक्त करवट लेता है, कैसे अचानक सब यूँ ही राह जाता है। कब ऐसा लगने लगता है कि काश वक्त को मुट्ठी में क़ैद कर लेते, काश वक्त ... ठहर जाता। छोटे छोटे सपने, छोटी छोटी ख़ुशियाँ, मन अरमानों के पंख लगाकर मानो उड़ता फिर रहा हो। डगमग सी डगर पर नाच-कूद रहा हो, हिल्लोरे ले रहा हो। जैसे उसे अतिरेक प्रसन्नता की अनुभूति हुई हो ......

    • 14 min
    दोराह (राह ए वफ़ा) - ऋंखला : भाग-1- पाठ-1

    दोराह (राह ए वफ़ा) - ऋंखला : भाग-1- पाठ-1

    प्यार एक बेहद खूबसूरत अनुभूति है और इसका अहसास आपके रोम रोम में रोमांच भर देता है, जीने के प्रति और सजग कर देता है| हर पल एक खुमारी सी छाई रहती है| उस वक़्त सही, गलत कुछ समझ नहीं आता| बस एक ही व्यक्ति के आस पास जैसे सारी दुनिया सिमट आई हो| और कभी कभी वो प्यार जूनून बन जाता है कि व्यक्ति फिर बस उसी में खुद को ढूंढता है, फिर जैसे सारी कायनात उसे उसके साथी से मिलाने में लग जाती है लेकिन, कभी कभी वही प्यार नफरत में बदल जाता है जब उसे अपने ही साथी से अविश्वसनीय - विश्वासघात मिलता है|

    इस कहानी में नीलेश और खनक की जिंदगी में कैसे बदलाव आये और कैसे उन दोनों ने उन परिस्थितियों का सामना किया, इन सबका एक कहानी के रूप में वर्णन किया गया है, ये आजकल के सामाजिक प्रारूप पर निर्धारित एक कहानी है ऐसा कह सकते हैं बस पात्र बदल जाते हैं। हालाँकि, इसमें यथार्थ से किसी ( निजी या विशेष) व्यक्ति विशेष का कोई संबंध नहीं है।

    कई बार ऐसा होता है कि ना चाहते हुए भी हमें ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं जिसके बारे में हम कभी सोच भी नहीं पाते किन्तु, शायद वही हमारे लिए सबसे बेहतर होते हैं| हालांकि, जिंदगी कभी कभी ऐसा मोड़ ले लेती है जो हम कभी अपने विचारों या मजाक में भी नहीं सोच पाते| हमारे लिए भी कभी कभी कुछ घटनाएँ अप्रत्याशित होती है।

    ऐसे ही अचानक क्या हुआ खनक और नीलेश की जिंदगी में........आइये इन सब से आपको रूबरू कराते हैं|

    तो मुखातिब होइए खनक और नीलेश (की ज़िंदगी) से|

    क्रमशः 

    • 12 min
    दोराह (राह ए वफ़ा) - ऋंखला : भाग-1

    दोराह (राह ए वफ़ा) - ऋंखला : भाग-1

    स्वेता "निक्की" परमार के उपन्यास - दोराह (राह ए वफ़ा) की कहानी ऋंखला ...

    भाग-1

    कई बार ज़िंदगी में कुछ ऐसे लोग भी आपस में टकराते हैं जिन्हें दुनिया में सब कुछ आसानी से हासिल होता है किन्तु प्यार और भरोसा नहीं । कहने को तो कुछ लोग राजसी ठाठ के साथ जीते-रहते हैं और भरा पूरा परिवार भी होता है किन्तु फिर भी होते हैं एकदम अकेले, क्यूँकि स्थिरता नहीं होती उनमें। कारण या तो वो स्वार्थी बन, बहुत ज़्यादा की उम्मीद कर बैठते हैं या उनका अहं प्रमुख कारण होता है कि सब उनसे छूटता जाता है। उस वक़्त ज़रूरत पढ़तीं है खुद को सँभालने की और ये समझने की कि क्या ज़रूरी है खुद को स्थापित करने के लिए | ऐसा कभी नहीं होता है कि अगर हम सकारात्मक सोच लेकर चलें तो काम पूरे न हो| अगर जिद पक्की हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं| ऐसे ही दो लोगों की ज़िंदगी की कहानी है ये जिन्होनें ये सोचा कि उनकी क़िस्मत में भगवान ने इन दो चीज़ों के अलावा- जो कि जीने के लिए सबसे ज़रूरी है- सब कुछ लिखा था । और उनसे- कुछ भी सम्भाला नहीं गया । उन्होनें अपनी नासमझियों की वजह से अपनी ही जिंदगी की कद्र नहीं की और फिर एक समय ऐसा आया कि एक फैसले ने सब कुछ बदल दिया । ऐसा होता है कि कभी कभी हम सोच नहीं पाते और एक भ्रम में जीना शुरू कर देते हैं, इसलिए सही रहता है जब सच सामने आता है और हम ख्वाबों से बाहर निकलकर धरातल पर आते है| वास्तविक दुनिया में और स्वप्निल संसार में इतना अंतर होता है जितना धरा और अम्बर में, पर्वत और समंदर में| ऐसा नहीं है कि महत्वाकांक्षाएं गलत होती है, किन्तु, हर बात..... चाहे ख्वाब हो या हकीक़त...... उनमें सामंजस्य बैठकर यथार्तवत जीवन में आगे बढ़ना होता है| अति हर चीज़ की बुरी होती है ये बात तो बालपन से ही सिखाई जा रही है हमें| शायद इसलिए क्यूंकि, कभी कभी मन महत्वाकांक्षाओं से भी आगे भागने लगता है और फिर सब कुछ

    • 4 min
    Covid Care

    Covid Care

    How to stay COVID safe in small gatherings especially in this festive season? It gets very important to take good care of yourself if you are stepping out of the house and especially when meeting a group of people. Stay Safe, Stay Healthy ... Take Care.

    • 4 min
    Quarantine Diary ...

    Quarantine Diary ...

    What Is Happiness? How we find it in own self? The Pursuit Of Happiness ... Sharing my views with all of you my friends. Have agreat time ahead. Stay Safe, Stay Healthy.

    • 7 min

Classement des podcasts dans Éducation

Ma parole
France Culture
𝐅𝐚𝐜𝐞 𝐚 𝐥𝐚 𝐫𝐞𝐚𝐥𝐢𝐭𝐞 𝐝𝐞 𝐥𝐚 𝐯
Maariahd
"Comment tu fais ?" by Laury Thilleman
Laury Thilleman
Maintenant Vous Savez Santé
Bababam
Ces questions que tout le monde se pose
Maud Ankaoua
T'as qui en Histoire ?
Stéphane Genêt