V.K. BANSAL JI Avinash Sahni
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- 예술
अपने प्रेरणास्त्रोत, अपने पिता, या पिता तुल्य किसी इंसान के गुज़र जाने के बावजूद, उस इंसान से मिली सीख, हमें अहसास करवाती है, कि वो इंसान जीवित है।,,
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वालिद की वफ़ात पर
अपने प्रेरणास्त्रोत, अपने पिता, या पिता तुल्य किसी इंसान के गुज़र जाने के बावजूद, उस इंसान से मिली सीख, हमें अहसास करवाती है, कि वो इंसान जीवित है।,,