हम अखबार पढ़ते हैं ताकि कोई निंदा रस मिल जाए जरा किसी की निंदा हो रही हो तो हम चौकन्ने होकर सुनने लगते हैं कैसे ध्यान मग्न हो जाते हैं अगर कोई आकर बताएं कि पड़ोसी की स्त्री किसी के साथ भाग गई है बस दुनियादारी भूल जाते हैं उस बात पर इतना ध्यान लगाते हैं कि उससे और पूछते हैं खुद खुद के पूछने लगते हैं कि कुछ और तो कहो कुछ आगे तो बताओ विस्तार से बताओ जरा ऐसे संक्षिप्त न बताओ कहां भागे जा रहे हो पूरी बात बता कर जाओ बैठो चाय पी लो हम उसके लिए पलक पावडे बिछा देते हैं अपने बच्चों को कहते हैं कुर्सी लाना जहां भी हमें लगता है कि निंदा हो रही है वहां पर हमें रस आता है हमें रस इसलिए आता है क्योंकि दूसरा आदमी छोटा किया जा रहा है और उसके छोटे होने में हमें भीतरी संतुष्टि मिलती है कि मैं बड़ा हो रहा हूं इसलिए अगर कोई भिखारी रास्ते पर केले के छिलके पर पैर फिसल कर गिर जाए तो हमें इतना रस नहीं आता जितना रस कोई संभ्रांत व्यक्ति केले के छिलके पर फिसल कर गिर पड़े तो आये। दिल खुश हो जाता है
Informações
- Podcast
- FrequênciaDuas vezes/mês
- Publicado11 de fevereiro de 2025 às 02:39 UTC
- Duração13min
- ClassificaçãoLivre