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बचपन में सुनी कहानियां आधी अधूरी ही सही पर याद आती हैं। कहानियां किसी भी संदेश को पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचाने का शानदार माध्यम हैं। कहानियों का सार जीना सिखाता है। कहानियां सोचने और समझने में मदद करती हैं। कहानियां सुनने और सुनाने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए, क्योंकि बचपन की कहानियों ने सपनों की सैर पर ही नहीं भेजा, बल्कि जिंदगी के मकसद पूरे करने के लिए जगाया भी है।

हमारा मकसद कहानियां सुनाना ही नहीं बल्कि कहानियां लिखने में मदद करना भी है। बच्चे कहानियां लिखें या फिर मुद्दों पर अपना नजरिया पेश करें, हम मदद करेंगे, क्योंकि हम जानते हैं कहानियां जीवन में ऊंची उड़ान के लिए उनकी कल्पनाओं को पंख

डुगडुगी वाला ( Dugdugi Wala‪)‬ Takdhinaa dhin

    • Education

बचपन में सुनी कहानियां आधी अधूरी ही सही पर याद आती हैं। कहानियां किसी भी संदेश को पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचाने का शानदार माध्यम हैं। कहानियों का सार जीना सिखाता है। कहानियां सोचने और समझने में मदद करती हैं। कहानियां सुनने और सुनाने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए, क्योंकि बचपन की कहानियों ने सपनों की सैर पर ही नहीं भेजा, बल्कि जिंदगी के मकसद पूरे करने के लिए जगाया भी है।

हमारा मकसद कहानियां सुनाना ही नहीं बल्कि कहानियां लिखने में मदद करना भी है। बच्चे कहानियां लिखें या फिर मुद्दों पर अपना नजरिया पेश करें, हम मदद करेंगे, क्योंकि हम जानते हैं कहानियां जीवन में ऊंची उड़ान के लिए उनकी कल्पनाओं को पंख

    स्कूल यूनिफार्म तो हाथ में लेकर घर आता था...

    स्कूल यूनिफार्म तो हाथ में लेकर घर आता था...

    यह बचपन की बात है, जो हार व जीत के मायनों से कही अलग है, जरूर सुनिएगा ...

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    • 6 min
    93 वर्ष के लोक कलाकार अमीचंद भारती जी की गौरवशाली गाथा

    93 वर्ष के लोक कलाकार अमीचंद भारती जी की गौरवशाली गाथा

    क्या आपको कभी श्री रामलीला मंचन देखने का अवसर मिला है। क्या आप कभी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जिनके हर डायलॉग का स्वागत तालियों की गूंज से होता हो। क्या उस शख्सियत से मुलाकात की है, जिन्होंने अपना जीवन केवल इस उद्देश्य के लिए समर्पित कर दिया कि हर परिवार में भगवान श्रीराम के आदर्श पर चलने वाले लोग हों। 


    हमें तो उन बुजुर्ग व्यक्तित्व से बातचीत करने का अवसर मिला, जिन्होंने श्री रामलीला मंचन में स्क्रिप्ट लिखने औऱ अभिनय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 12 वर्ष की उम्र से लेकर शुरू हआ यह सफर आज 93 वर्ष की आयु तक पूरे उत्साह के साथ जारी है। इस वीडियो में आप ग्राम बड़ासी, देहरादून के निवासी मास्टर अमीचंद भारती जी से ही सुनिएगा उनका स्वर्णिम सफर...।   



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    • 6 min
    मिलिए थानो के इन युवाओं से

    मिलिए थानो के इन युवाओं से

    ये सभी युवा मातृभूमि सेवा संगठन से जुड़े हैं। हमने संगठन के अध्यक्ष अमित कुकरेती तथा जगबीर नेगी, सुमन तिवारी, अनुज तिवारी, प्रमोद कोठारी, मनीष तिवारी, अंशुल कठैत, राहुल तिवारी से मुलाकात की। ये युवा व्यवसाय, कृषि और विभिन्न संस्थानों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इनमें पैरामेडिकल और ग्रेजुएशन के छात्र भी हैं। सभी रचनात्मक औऱ सकारात्मक सोच के साथ अपने गांव के लिए कुछ नया करना चाहते हैं। कुकरेती जी ने बताया कि करीब तीन माह पहले सभी युवाओं ने हर सप्ताह गांव और आसपास के वन क्षेत्र में प्लास्टिक औऱ पॉलीथिन कचरा इकट्ठा करते हैं।

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    • 8 min
    देहरादून के एक गांव में ट्रक से जमीन धंसी और कुआं बन गया

    देहरादून के एक गांव में ट्रक से जमीन धंसी और कुआं बन गया

    थानो के पास रामनगर डांडा में एक घर के सामने जमीन धंसने से करीब 40 से 50 फीट गहरा गड्ढा बन गया। परिवार के लिए आफत बन चुके इस गड्ढे का भराव नहीं किया गया तो किसी बड़े नुकसान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। मीडिया और आसपास के गांवों से लोग यहां पहुंच रहे हैं औऱ सभी में यह जानने की उत्सुकता है कि इतना बड़ा गड्ढा बनने की आखिर वजह क्या है।

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    • 3 min
    जाने पहचाने फोटोग्राफर त्रिभुवन सिंह चौहान से एक मुलाकात  

    जाने पहचाने फोटोग्राफर त्रिभुवन सिंह चौहान से एक मुलाकात  

    शुक्रवार 25 दिसंबर 2020 को  हमारी ऋषिकेश से लेकर लक्ष्मणझूला तक की यात्रा का मकसद था, उन शख्सियत से मुलाकात करना, जिन्होंने हमारे और प्रकृति के बीच संवाद को बढ़ाया है। वो प्रकृति के हर रंग-रूप से हमें रू-ब-रू कराने के लिए ग्लेशियरों, नदियों, पर्वतों और वनों के होकर रह गए। हम बात कर रहे हैं फोटोग्राफी के क्षेत्र में जाने पहचाने हस्ताक्षर त्रिभुवन सिंह चौहान जी की। चौहान जी से मुलाकात में उत्तराखंड में पर्यटन विकास से समुदायों की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बात हुई। होम स्टे योजना पर चर्चा के साथ उस पूरे मैकेनिज्म को जानने की कोशिश की, जो पर्यटन विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी पर आधारित है। उन्होंने  फोटोग्राफी के रील से लेकर रियल टाइम तक के सफर के साथ ही कई तकनीकी जानकारियों को साझा किया। चौहान ने युवाओं को फोटोग्राफी के जुनून को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण टिप्स दी, जिसे आप इस वीडियो ब्लाग में जान सकते हैं। 

     

    https://youtu.be/BX-vzvNYy6c

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    • 10 min
    घोंघे और कछुए की दौड़  (Race Between Snail and Tortoise)

    घोंघे और कछुए की दौड़  (Race Between Snail and Tortoise)

    घोंघे और कछुए में बहस हो गई। घोंघा कह रहा था कि कछुआ जी में तुमसे तेज दौड़ता हूं। कछुआ कह रहा था कि मैं तुमसे तेज दौड़ता हूं। दोनों ने जंगल के बड़े मैदान में दौड़ने का निर्णय लिया और चीटी को निर्णायक बना लिया। क्या बड़े मैदान में इनकी दौड़ पूरी हो पाती है। दौड़ में कौन जीतता है, जानिएगा इस कहानी में। कहानी- राजेश पांडेय




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    • 4 min

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