Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ)

Vivek Agarwal

This podcast presents Hindi poetry, Ghazals, songs, and Bhajans written by me. इस पॉडकास्ट के माध्यम से मैं स्वरचित कवितायेँ, ग़ज़ल, गीत, भजन इत्यादि प्रस्तुत कर रहा हूँ Awards StoryMirror - Narrator of the year 2022, Author of the month (seven times during 2021-22) Kalam Ke Jadugar - Three Times Poet of the Month. Sometimes I also collaborate with other musicians & singers to bring fresh content to my listeners. Always looking for fresh voices. Write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com #Hindi #Poetry #Shayri #Kavita #HindiPoetry #Ghazal

  1. महाशिवरात्रि (Mahashivratri)

    26 DE FEV.

    महाशिवरात्रि (Mahashivratri)

    अलौकिक पर्व है आया, ख़ुशी हर ओर छाई है। महादेवी सदाशिव के, मिलन की रात आई है॥ धवल तन नील ग्रीवा में, भुजंगों की पड़ी माला। सुसज्जित सोम मस्तक पर, जटा गंगा समाई है॥ सवारी बैल नंदी की, चढ़ी बारात भूतों की। वहीँ गन्धर्व यक्षों ने, मधुर वीणा बजाई है॥ पुरोहित आज ब्रह्मा हैं, बड़े भ्राता हैं नारायण। हिमावन तात माँ मैना, को जोड़ी खूब भाई है॥ अटारी चढ़ निहारे हैं, भवानी चंद्रशेखर को। मिली आँखों से जब आँखें, वधू कैसी लजाई है॥ अनूठा आज मंगल है, महाशिवरात्रि उत्सव का। सकल संसार आनंदित, बधाई है बधाई है॥ जगत कल्याण करने को, सदा तत्पर मेरे भोले। हलाहल विष पिया हँस कर, धरा सारी बचाई है॥ नमन श्रद्धा सहित मेरा, करो स्वीकार चरणों में। समर्पित शक्ति-औ-शिव को, ग़ज़ल ‘अवि’ ने बनाई है॥ ----------------- Lyrics - Vivek Agarwal Avi Music & Vocal - Suno AI You can write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com

    5min
  2. पवित्र पुण्य भारती (Pavitra Punya Bharti)

    24 DE JAN.

    पवित्र पुण्य भारती (Pavitra Punya Bharti)

    पवित्र पुण्य भारती (पञ्चचामर छंद) भले अनेक धर्म हों, परन्तु एक धाम है। पवित्र पुण्य भारती, प्रणाम है प्रणाम है॥ समान सर्व प्राण हैं, विधान संविधान है। महान लोकतंत्र है, स्वतंत्रता महान है। तिरंग हाथ में उठा, कि आन बान शान है। कि कोटि कंठ गूंजता, सुभाष राष्ट्र गान है। ललाट गर्व से उठा, न शीश ये कभी झुका। सदैव साथ देश का, स्वदेश भक्ति काम है॥ पवित्र पुण्य भारती, प्रणाम है प्रणाम है॥ अनेक पुष्प हैं लगे, परन्तु एक हार है। अनेक ग्रन्थ हैं यहाँ, हितोपदेश सार है। अनेक हाथ जो मिले, प्रचंड मुष्टि वार है। समक्ष शत्रु जो मिले, लहू सनी कटार है। अदम्य वीर साहसी, सपूत मात के वही। कि काट शीश जो धरे, वही रहीम राम है॥ पवित्र पुण्य भारती, प्रणाम है प्रणाम है॥ दिपावली कि ईद हो, नमाज़ हो कि आरती। विभिन्न पंथ पर्व से, वसुंधरा सँवारती। अनेक भिन्न बोलियाँ, सुपुत्र को पुकारती। निनाद नृत्य गान से, प्रसन्न भव्य भारती। नई उड़ान है यहाँ, नया यहाँ प्रभात है। ममत्व मातृ अंक में, मिला मुझे विराम है॥ पवित्र पुण्य भारती, प्रणाम है प्रणाम है॥ स्वरचित विवेक अग्रवाल 'अवि' You can write to me on HindiPoemsByVivek@Gmail.com

    3min
  3. सुभाष चंद्र बोस ( Subhash Chandra Bose)

    22 DE JAN.

    सुभाष चंद्र बोस ( Subhash Chandra Bose)

    कथा सुनो सुभाष की, अदम्य स्वाभिमान की। अज़ाद हिन्द फ़ौज के, पराक्रमी जवान की॥ अनन्य राष्ट्र प्रेम की, अतुल्य शौर्य त्याग की। सहस्त्र लक्ष वक्ष में, प्रचंड दग्ध आग की॥ सशस्त्र युद्ध राह पे, सदैव वो रहा डटा। समस्त विश्व साक्ष्य है, नहीं डरा नहीं हटा॥ असंख्य शत्रु देख के, गिरा न स्वेद भाल से। अभीष्ट लक्ष्य के लिए, लड़ा कराल काल से॥ अतीव कष्ट मार्ग में, सुपुत्र वो नहीं रुका। न लोभ मोह में फँसा, न शीश भी कभी झुका॥ स्वतंत्र राष्ट्र स्वप्न को, समस्त देश को दिखा। कटार धार रक्त से, नवीन भाग्य भी लिखा॥ अभूतपूर्व शौर्य का, वृत्तांत विश्व ये कहे। सुकीर्ति सपूत की, सुगंध सी बनी रहे॥ समान सूर्य चंद्र के, अमर्त्य दीप्त नाम है। सुभाष चंद्र बोस को, प्रणाम है प्रणाम है॥ _____________________ Lyrics - Vivek Agarwal Avi Music & Vocal - SunoAI

    4min
  4. Shri Ram Chandra Stuti

    05/09/2024

    Shri Ram Chandra Stuti

    रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम। सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम। शरणत्राणतत्पर सुन लो विनती हमारी। हरकोदण्डखण्डन खरध्वंसी धनुषधारी। दशरथपुत्र कौसलेय जानकीवल्लभ। विश्वव्याप्त प्रभु आपका कीर्ति सौरभ। विराधवधपण्डित विभीषणपरित्राता। भवरोगस्य भेषजम् शिवलिङ्गप्रतिष्ठाता। सप्ततालप्रभेत्ता सत्यवाचे सत्यविक्रम। आदिपुरुष अद्वितीय अनन्त पराक्रम। रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम। सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम। महादेवादिपूजित मायामारीचहन्ता। दीनानाथ दयासार दान्त दुःखहन्ता। परंज्योति पराकाश परात्पर परंधाम। सुमित्रापुत्रसेवित सर्वदेवात्मक श्रीराम। आजानुबाहु आप अहल्याशापशमन। जयन्तत्राणवरद के चरणों में है नमन। महाबाहो महायोगी पुण्डरीकलोचन। भक्तवत्सल प्रभु कीजिये पापमोचन। रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम। सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम। ___________________ Lyrics, Prompt Engineering, Production - Vivek Agarwal Avi Vocal - Suno AI

    4min
  5. श्री राम नवमी (Shri Ram Navmi)

    12/05/2024

    श्री राम नवमी (Shri Ram Navmi)

    श्री राम नवमी - (हरिगीतिका छंद) श्री राम नवमी पर्व पावन, राम मंदिर में मना। संसार पूरा राममय है, राम से सब कुछ बना॥ संतों महंतों की हुई है, सत्य सार्थक साधना। स्त्री-पुरुष बच्चे-बड़े सब, मिल करें आराधना॥ नीरज नयन कोदंड कर शर, सूर्य का टीका लगा। मस्तक मुकुट स्वर्णिम सुशोभित, भाग्य भारत का जगा॥ आदर्श का आधार हो तुम, धैर्य का तुम श्रोत हो। चिर काल तक जलती रहेगी, धर्म की वह ज्योत हो॥ तन मन वचन सब कुछ समर्पित, जाप हर पल नाम का। अब राम ही अपना सहारा, आसरा बस राम का॥ श्रद्धा सहित समर्पित सुर - डॉ सुभाष रस्तोगी गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि" मूल संगीत - उषा मंगेशकर संयोजन - अमोल माटेगांवकर Write to us on HindiPoemsByVivek@Gmail.com

    7min

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