UNPEN - Poetry, Songs & Stories by Sarvajeet D Chandra in Hindustani & English

SARVAJEET D CHANDRA
UNPEN - Poetry, Songs & Stories by Sarvajeet D Chandra in Hindustani & English

The podcast is about the poems, songs and stories of Sarvajeet D Chandra in english and hindustani. It features his poems, musings, stories and writings. Occasionally he will also share stories and songs of others which resonate with him. Sarvajeet is based in Mumbai, India. He writes on life, love, longing, romance, purpose etc.

  1. रहगुज़र - सर्वजीत. Rahguzar - Hindi Poem by Sarvajeet D. Chandra

    SEP 2

    रहगुज़र - सर्वजीत. Rahguzar - Hindi Poem by Sarvajeet D. Chandra

    रहगुज़र - सर्वजीत कुछ रास्ते ऐसे होते हैं कि इन्सान को मुसाफ़िर बना देते हैं अगर भूल जाओ, हस्ती को अपनी मंज़िल होगी कहीं, इसका गुमान देते हैं बैठे बैठे सोचते हैं अक्सर कभी बिछड़ा शहर, आँगन कैसा होगा जिस घर को छोड़ दिया पीछे उस घर में राह कोई देखता होगा रास्तों में उलझा रहा अपना सफ़र घर कभी ना फिर कोई नसीब हुआ अकेले दौड़ती रही उम्मीद, तमन्ना ना हमसफ़र, ना कोई अज़ीज़ हुआ क्या यह है सफ़र की इंतिहा कि राह भी थक कर सो गयी है हम रुके नहीं चलते ही रहे मंजिले सराब में खो सी गयी हैं अपनी मर्ज़ी का अपना सफ़र था ना जाने किस दर्द का हवाला था ना ठहरे हुए से तालाब की ठंड थी ना बहते पानी का जोश गवारा था मुसाफ़िर हो जैसा, सफ़र वैसा होता है रहमत हो ख़ुदा की ग़र, मौसम हसीं होता है रहगुज़र खोज लेती ही है खुद-ब-खुद जिस किरदार का राही उसे ढूँढता है Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com

    3 min
  2. तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    12/13/2023

    तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत तुम भूल जाओ बेशक ,याद करो न कभी उजड़े घर में तुम्हारी खुशबू अब भी आती है तुम्हारा दीदार, सूखे सावन जैसा इंतज़ार तुम्हारे हिस्से की तन्हाई अभी बाकी है तुम छोड़ दो मुझे बेबस ,मँझधार में कहीं तुम्हारी बेवफ़ाई में विवशता नज़र आती है सूनी रात, सूने तारों से लिपटा आसमान तुम्हारे हिस्से की रुसवाई अभी बाकी है ख़ुदा ने उड़ा दिया साथ बैठे दो परिंदों को झूलती हुई डाल में तुम्हारी याद ताजी है ना मिलीं तुम, छान लिया मोहल्ला, आसमाँ तुम्हारे हिस्से की जुदाई अभी बाकी है यह सच है कि हमारे इश्क में वो शिद्दत नहीं मैं हूँ आवारा मदहोश, तू एक हसीं साक़ी है बेशकीमती नहीं, चलो दो कौड़ी की सही तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत अभी बाकी है Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com

    2 min
  3. When Love is Gone - A Poem by Sarvajeet D Chandra

    11/23/2023

    When Love is Gone - A Poem by Sarvajeet D Chandra

    When Love is Gone - Sarvajeet When love is gone, Our hearts sink deep, Into a cold ocean bed, Feelings disperse in winter winds. Weary silence sits in once-fun-filled rooms, Pets run away and become wild, Stars that sparked our nights darken and dim. Regrets sneak into a colourless world, Our cozy house crumbles to dust, Birds visiting our garden, do not sing. Our words become knives, Emptiness fills spaces between the sheets, We are deaf to each other's heartbeats. Trees choose sides, split vertically in two, We depart with suitcases, packed long ago, Our story spins backwards into time. Soulmates become strangers, Swallowing our souls, Our psyches seared with a thousand scars, Leaving behind a trail of heartless hearts. Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com #LostLove  #Heartbreak  #MovingOn #BrokenHearts  #Soulmates #NewBeginnings  #LettingGo  #Relationships #LoveLost #TimeHeals #Separation #PainfulMemories #EndOfLove  #BreakupBlues #LoveAndLoss    #sadpoetry #Heartbrokenstatus #loveisgone #loveisdead #sadlovestory    #reflectionspoetry    #poemsoftheday     #indianpoetrylovers #heartbroken #heartbroke #heartbreaks #heartbrokensong #heartbrokenpoetry

    2 min
  4. तेरे दिल का रास्ता - सर्वजीत Tere Dil Ka Rasta - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    09/28/2023

    तेरे दिल का रास्ता - सर्वजीत Tere Dil Ka Rasta - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    तेरे दिल का रास्ता - सर्वजीत जीवन की शाम जब आती है तो घर के लिये दिल मचलता है उम्र गुज़र गई, हम ढूँढते ही रहे किस मोड़ पर तेरे दिल का रास्ता है तेरी आरज़ू चंद कवितायें बन गयीं तेरी हसरतों की हसरत करते ही रहे अगर ग़ौर से पढ़ती, इल्म होता तुम्हें मेरे लफ़्ज़ों में तेरा अक्स झलकता है एक पौधा हूँ जो कभी उगा ही नहीं अनखिली कलियों का दम भरता है तनहाइयों से काम चलता है लेकिन तेरी क़ुर्बत के लिए दिल तरसता है एक मिट्टी से बनी हम दोनों की रूह एक लय पर अपना दिल धड़कता है तेरे उजाले, बसंत की चाह नहीं मुझे दिल ढूँढता तेरे दर्द, ग़म का रास्ता है उम्र गुज़र गई, हम ढूँढते ही रहे किस मोड़ पर तेरे दिल का रास्ता है Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com #दिल #आरज़ू  #क़ुर्बत #दर्द  #दर्दभरीकविता # #हिंदीशायरी #हिंदीकविताएँ #हिंदीकवितासंग्रह #इश्क #चाहत #आस #तड़प #उदासी #अकेलापन #बिछड़ना  #प्रेमकविता  #रोमांटिककविता #hindilovepoems  #premkavitahindi #premkavitahindimein  #mohabbatshayari #ishqshayaristatus #दिलकारास्ता #sadshayari #tootadilpoem

    2 min
  5. तुम्हारी परिभाषा - सर्वजीत Tumhari Paribhasa - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    08/19/2023

    तुम्हारी परिभाषा - सर्वजीत Tumhari Paribhasa - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    तुम्हारी परिभाषा - सर्वजीत तुम अपनी जाती नहीं हो ना धर्म, ना आधार का नंबर ना लिबास, ना हुलिया ना अपनी औपचारिकता ना बैंक बैलेंस, न दर्जा ना तुम्हारे बारे में किसी की राय ना अपनी परिस्थितियों की उपज ना तुम्हारा अहंकार, ना किसी दौड़ के चूहे तुम तुम्हारे शब्द हो, और खामोशियाँ भी अपनी हँसी की शरारत हो, ज़ोर सा ठहाका वह गाथाएँ, उपन्यास, किताबें जो तुमने पढ़ी हैं वो गाँव-शहर जहाँ तुमने जीवन बिताया है तुम्हारे पिता का गर्व से उठा हुआ सर हो माँ के मुन्ना-मुन्नी, गंगा जमुना तहज़ीब हो दोस्तों का गली गलौज वाला अपनापन हो तुम्हारे संस्कार, अदब, बड़ों का लिहाज़ हो वो पल हो, जिनका तुमने खूब आनन्द लिया वो स्थल जो तुमने गर्मियों की छुट्टी में घूमे भूले-बिसरे लोकगीत, जो तुम चाव से गाते हो अपने अंदर की रोशनी, अटल विश्वास हो वह चुनौतियाँ, वह वादे जो तुमने निभायें हैं वह सब हो जिससे तुमने बेइंतहा मोहब्बत की आंसू जो तुमने किसी की याद में बहाये हैं वह गुजरे हुए लोग जो तुम्हें बेहद अज़ीज़ थे हर कदम पर खुलती हुई, एक अद्भुत पहेली हो सपना हो, जो उभर रहा है, बोझिल हो रहा है बेरंग रूह हो, जो जीवन रंगों का रस ले रही है शांत सागर हो, और दिल में उमड़ता तूफ़ान भी आँधियों से बग़ावत करता, जलता चिराग़ हो एक मूल हो, जो फोटो कॉपी नहीं बनना चाहता तुम्हारे विचारों से तामीर होती, एक नयी राह हो अपार ब्रह्मांड हो जो निरंतर फैलता जा रहा है Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com #हिंदीपंक्तियाँ   #हिंदी_कविता    #शायरी    #इंस्पिरेशनलकविता   #हिंदीशायरी, #हिंदीकविताएँ,   #हिंदीशायरीसंग्रह, #हिंदीकवितासंग्रह,  #हिंदीकविता #हिंदीकवितालोकप्रिय #बैंकबैलेंस  #अहंकार  #हिंदीप्र

    3 min
  6. एक शहरी का गाँव - सर्वजीत Ek Shahri Ka Gaav - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    05/20/2023

    एक शहरी का गाँव - सर्वजीत Ek Shahri Ka Gaav - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

    एक शहरी का गाँव - सर्वजीत जब गाँव हाईवे से जुड़ जाएगा कोई भूला-भटका, वापस आएगा दौड़ता हुआ शहरी, ग़र थमेगा कभी अपनी जड़ों को कैसे भुला पाएगा? बड़े सपनों को आँखों में लिए गाँव वाला शहर गया था कभी छोटे बचपन की यादें संजोए माँ का घर खाली हो गया तभी इमारतों में बसा, पत्थर सा बन रहा शहरी सालों बाद, अपने गाँव आता है आम के बगीचे, दोस्तों की टोली, टपरी एक दिन में शहरी, बरसों जी जाता है चंद घरों की बस्ती, जंगल से जुड़ी गाँव कहाँ शुरू, ख़त्म हो जाता है अपनी है नहर, ज़मीन, टीले, आसमां फ्लैट में क़ैद शहरी, रिहा हो जाता है दो ढलानों के बीच, सुंदर घाटी की सैर फूलों की तरह, शहरी खिल सा जाता है अपना सा पड़ोस, जहाँ है खुशी की गूंज समय धीमा, शहरी भी थम सा जाता है जितनी है ज़रूरत, उतना क़ुदरत ने दिया  गाँव छोटी  ख़ुशियों में खुश हो जाता है जितना है पर्याप्त है, गुजर-बसर के लिए थका-हारा शहरी, माँ के आँगन में सो जाता है Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com #गाँव #शहरीज़िंदगी  #शहरीजीवन  #बचपन  #माँ #शहरगाँव #हाईवे # #गाँवकेजीवन #प्रकृतिप्रेम   #गाँवज़िन्दगी  #गाँववालीबातें  #माँकाघर  #हिंदीपंक्तियाँ   #हिंदी_कविता    #शायरी    #हिंदीशायरी #हिंदीकविताएँ  #हिंदीकवि  #हिंदीकवितासंग्रह,  #हिंदीकविता

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