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लेट्स टॉक अबाउट इरफानः कच्ची उम्र में बड़े मुकाम हासिल करने वाले खान (Teaser‪)‬ Let's Talk About

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शराफत की दुनिया का किस्सा ही खत्म, अब जैसी दुनिया वैसे हम… फिल्म जज्बा के इस आमफहम डायलॉग को इरफान ने जिस कविताई के साथ अदा किया वह करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिलों में उतर गया. लगभग इसी बहते हुए अविकल झरने की तरह अपनी अदायगी से इरफान हम हिंदुस्तानियों की दुनिया का हिस्सा बने थे. फिर  29 अप्रैल 2020 को अचानक वो हमारी इस दुनिया से अलग हो गए. 
यह सिर्फ इरफान के परिजनों, दोस्तों, रिश्तेदारों या उनके प्रशंसकों के लिए दिल तोड़ने वाली खबर नहीं थी बल्कि फिल्मों से जुड़े, फिल्मों में दिलचस्पी रखने वाले हर शख्स के लिए एक बड़ा झटका थी. इरफान तिरपन की कच्ची उम्र में हमारे बीच से चले गए. 
इरफान न्यूरोएंडोक्राइन नाम की एक असाध्य बीमारी से घिर गए थे. यह बीमारी दुर्लभ किस्म का कैंसर है, जिस पर दुनिया में बहुत कम खोजें और रीसर्च उपलब्ध हैं. लेकिन इस कच्ची उम्र में इरफान ने बहुत ही पकी उम्र वाले मुकाम हासिल किए. इरफान ने लगभग हर तरह का किरदार निभाया. न सिर्फ निभाया बल्कि उसे जीया भी. मार्च 2020 में आई फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' इरफान की आखिरी फिल्म थी.  
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की बीमारी के बारे में खुद इरफान खान ने साल 2018 में ट्विटर के जरिए  जानकारी दी थी. उनका ट्वीट कुछ इस प्रकार था- "जीवन में अनपेक्षित बदलाव आपको आगे बढ़ना सिखाते हैं. पता चला है कि मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है. इसे स्वीकार कर पाना मुश्किल है. लेकिन मेरे आसपास जो लोग हैं, उनका प्यार और उनकी दुआओं ने मुझे ताकत दी है. कुछ उम्मीद भी बंधी है. फिलहाल बीमारी के इलाज के लिए मुझे देश से दूर जाना पड़ रहा है. लेकिन मैं चाहूंगा कि आप अपने संदेश भेजते रहें.”
इरफान की मौत के बाद उनके बेटे बाबिल ने उनकी आखिरी याद को कुछ इन शब्दों में साझा किया था- 'उनकी मौत से दो तीन दिन पहले मैं अस्पताल में था. वो होश खोते

शराफत की दुनिया का किस्सा ही खत्म, अब जैसी दुनिया वैसे हम… फिल्म जज्बा के इस आमफहम डायलॉग को इरफान ने जिस कविताई के साथ अदा किया वह करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिलों में उतर गया. लगभग इसी बहते हुए अविकल झरने की तरह अपनी अदायगी से इरफान हम हिंदुस्तानियों की दुनिया का हिस्सा बने थे. फिर  29 अप्रैल 2020 को अचानक वो हमारी इस दुनिया से अलग हो गए. 
यह सिर्फ इरफान के परिजनों, दोस्तों, रिश्तेदारों या उनके प्रशंसकों के लिए दिल तोड़ने वाली खबर नहीं थी बल्कि फिल्मों से जुड़े, फिल्मों में दिलचस्पी रखने वाले हर शख्स के लिए एक बड़ा झटका थी. इरफान तिरपन की कच्ची उम्र में हमारे बीच से चले गए. 
इरफान न्यूरोएंडोक्राइन नाम की एक असाध्य बीमारी से घिर गए थे. यह बीमारी दुर्लभ किस्म का कैंसर है, जिस पर दुनिया में बहुत कम खोजें और रीसर्च उपलब्ध हैं. लेकिन इस कच्ची उम्र में इरफान ने बहुत ही पकी उम्र वाले मुकाम हासिल किए. इरफान ने लगभग हर तरह का किरदार निभाया. न सिर्फ निभाया बल्कि उसे जीया भी. मार्च 2020 में आई फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' इरफान की आखिरी फिल्म थी.  
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की बीमारी के बारे में खुद इरफान खान ने साल 2018 में ट्विटर के जरिए  जानकारी दी थी. उनका ट्वीट कुछ इस प्रकार था- "जीवन में अनपेक्षित बदलाव आपको आगे बढ़ना सिखाते हैं. पता चला है कि मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है. इसे स्वीकार कर पाना मुश्किल है. लेकिन मेरे आसपास जो लोग हैं, उनका प्यार और उनकी दुआओं ने मुझे ताकत दी है. कुछ उम्मीद भी बंधी है. फिलहाल बीमारी के इलाज के लिए मुझे देश से दूर जाना पड़ रहा है. लेकिन मैं चाहूंगा कि आप अपने संदेश भेजते रहें.”
इरफान की मौत के बाद उनके बेटे बाबिल ने उनकी आखिरी याद को कुछ इन शब्दों में साझा किया था- 'उनकी मौत से दो तीन दिन पहले मैं अस्पताल में था. वो होश खोते

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