
Amir Khan Muttaqi का दौरा, Taliban की स्वीकार्यता और महिला विरोधी Press Conference: पढ़ाकू नितिन
अफ़ग़ानिस्तान… एक ऐसा देश जो हमेशा से रणनीति और ताक़त के खेल का मैदान रहा है. चार साल पहले जब तालिबान ने सत्ता संभाली, भारत ने उसे मान्यता तो नहीं दी, लेकिन रिश्तों के दरवाज़े भी पूरी तरह बंद नहीं किए और अब, वही तालिबान दिल्ली में कूटनीति की मेज़ पर बैठा है. क्या ये बातचीत सिर्फ़ एक ज़रूरी कदम है या भारत के रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा हितों के लिए एक बड़ा मोड़? इसी बीच, अफ़ग़ान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताक़ी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एक भी महिला पत्रकार को जगह नहीं मिली, जिससे लोकतंत्र और समानता के हमारे मूल्यों पर भी सवाल उठे. बाद में एक दूसरी प्रेस कॉन्फ़्रेंस रखी गई, जिसमें महिला पत्रकारों को आगे बैठाया गया, इन्हीं में से एक थीं गीता मोहन, इंडिया टुडे ग्रुप की फॉरन अफ़ेयर्स एडिटर जो इस बार 'पढ़ाकू नितिन' की मेहमान हैं.
Informazioni
- Podcast
- Canale
- FrequenzaOgni settimana
- Uscita14 ottobre 2025 alle ore 16:10 UTC
- Durata55 min
- ClassificazioneContenuti adatti a tutti