Padhaku Nitin

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

  1. Democracy से डर, Secularism की सीमा, Hindu की Anxiety और Mob की Beauty: पढ़ाकू नितिन

    4 DAYS AGO

    Democracy से डर, Secularism की सीमा, Hindu की Anxiety और Mob की Beauty: पढ़ाकू नितिन

    हज़ारों सालों से इंसान कबीलों, सल्तनतों और अब राष्ट्र-राज्य में जी रहा है. लेकिन सवाल वही है सबसे सही शासन व्यवस्था कौन-सी है? राज्य कानून और संस्थाओं का ढांचा है, जबकि राष्ट्र पहचान और भावनाओं का जाल, अक्सर हम दोनों को गड़बड़ा देते हैं. फिर आता है लोकतंत्र जो बराबरी और आवाज़ का वादा करता है, लेकिन साथ ही populism और polarisation भी लाता है. तो क्या लोकतंत्र ही सबसे बेहतर विकल्प है या कोई और मॉडल उससे आगे निकल सकता है? इन्हीं सवालों पर बातचीत होगी JNU के असोसिएट प्रोफ़ेसर अजय गुडावर्ती से, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    1h 27m
  2. RSS तीन बार बैन लगने के बावजूद कैसे बना सबसे बड़ा संगठन?: पढ़ाकू नितिन

    25 SEPT

    RSS तीन बार बैन लगने के बावजूद कैसे बना सबसे बड़ा संगठन?: पढ़ाकू नितिन

    27 सितंबर 2025—ये तारीख सिर्फ़ कैलेंडर का पन्ना नहीं, बल्कि एक सदी की कहानी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज अपने 100 साल पूरे कर रहा है। इस सफ़र में RSS ने सबकुछ देखा— आज़ादी की गूंज, गांधी की हत्या का साया, इमरजेंसी की कड़वाहट, बाबरी मस्जिद का तूफ़ान, और वो मोड़, जब “अराजनीतिक” कहे जाने वाले संघ से दो प्रधानमंत्री निकले. सवाल उठे, आरोप लगे, तीन बार बैन भी झेला. लेकिन हर बार संघ और मज़बूत होकर लौटा. अब, 100 साल बाद, सबसे बड़ा सवाल— RSS की असली यात्रा कैसी रही? क्या ये उतार-चढ़ावों से भरी रही या अपनी विचारधारा की मज़बूती से टिके रहने की कहानी? इन्हीं सवालों पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ हैं वरिष्ठ पत्रकार और लेखक निलांजन मुखोपाध्याय, जिन्होंने दशकों तक हिंदू संगठनों और राजनीति को क़रीब से कवर किया है और अपनी किताब The RSS: Icons of Indian Right में इन्हें दर्ज किया है. देखिए और समझिए, RSS के सौ सालों की ताक़त, आलोचनाएँ और जटिलताएँ. और हाँ, Aajtak Radio को Subscribe करना न भूलें.

    1h 36m
  3. Nuclear Bomb बनाने से ज़्यादा टेढ़ी क्यों देसी Jet Engine Kaveri की राह? : Padhaku Nitin

    18 SEPT

    Nuclear Bomb बनाने से ज़्यादा टेढ़ी क्यों देसी Jet Engine Kaveri की राह? : Padhaku Nitin

    15 अगस्त को लाल किले से दी जाने वाली पीएम स्पीच देश के लिए एक बड़ा इवेंट होता है. सबकी नज़र रहती है कि इस भाषण में कौनसा शब्द कितनी बार बोला गया? इस साल इसी भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि “भारतीय फाइटर जेट्स को ज़रूरत है भारतीय इंजन की.” और फिर से सोशल मीडिया पर बात होने लगी कि यार… था तो सही एक स्वदेशी इंजन जिसकी दुहाई देकर अक्सर कहा जाता था कि भारत जेट बनाने के मामले में भी स्वदेशी बन जाएगा. ये नाम है- कावेरी इंजन. 1986 में इसे बनाने की शुरुआत हुई मगर अब तक कोई भारतीय जेट ऐसा नहीं उड़ा जिसका इंजन पूर्णत: भारतीय हो. तो कब होगा ये सपना पूरा? पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमने बात की कावेरी इंजन पर और डिफेंस एक्सपर्ट संदीप उन्नीथन से समझा कि आखिर कावेरी इंजन को पूरा करने में दिक्कत क्या है? क्या फैक्टर्स हैं जो इसे अब भी नहीं बनने दे रहे. ये इतना ख़ास क्यों है और कुछ बेसिक सवाल भी कि आखिर एक जेट इंजन काम कैसे करता है. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: रोहन भारती

    56 min
  4. Nepal के Gen Z का Democracy पर डाउट, Nepo Kids की अय्याशी और Oli की China से गलबहियां: पढ़ाकू नितिन

    10 SEPT

    Nepal के Gen Z का Democracy पर डाउट, Nepo Kids की अय्याशी और Oli की China से गलबहियां: पढ़ाकू नितिन

    अंग्रेज़ी में कहते हैं Straw that broke the camel’s back और हिन्दी में इसके करीब है ताबूत की आख़िरी कील. नेपाल में सरकार ने अचानक लगभग सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स बैन कर दिए. इसके बाद हज़ारों लोग, ख़ासकर जेन-ज़ी यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी पीढ़ी सड़कों पर उतर आई सरकार ने शुरुआत में सख़्ती दिखाई, लेकिन हालात इतने बिगड़े कि मंत्री सड़क पर पिट गए सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई और आखिरकार प्रधानमंत्री के.पी. ओली को इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ना पड़ा।तो क्या ये सब सिर्फ़ सोशल मीडिया बैन की वजह से हुआ? या फिर ये पहले से जमा गुस्से का फट पड़ना था, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    59 min

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Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

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